भिलाई। वायु एवं ध्वनि प्रदूषण सभी जीवों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है। आठ साल तक दो लाख से अधिक लोगों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि ध्वनि प्रदूषण पुरुषों को नुपन्सक भी बना सकती है। हालांकि इंसानों पर अभी ज्यादा शोध नहीं हुआ किन्तु लेकिन पशुओं पर किए गए टेस्टभ के अनुसार शोर की वजह से टेस्टिकुलर टिश्यूर में संरचनात्मुक बदलाव आता है और टेस्टोनस्टेररोन के लेवल में कमी हो जाती है।इंटरनेशनल जरनल ऑफ एनवायरमेंटल पॉल्यूाशन में प्रकाशित एक शोध में दक्षिण कोरिया के 206,492 पुरुषों को शामिल किया गया था। ये पुरुष पिछले साल से 55 डेसिबल से भी ज्याधदा शोर में थे और खासतौर पर रात के समय शोर में रहते थे जिसका असर इनकी फर्टिलिटी पर पड़ रहा था।
आठ साल की इस स्टजडी में 2006 से 2013 के आंकड़े देखे गए जिसमें से 3,293 पुरुषों को फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं थीं। शोधकर्ताओं की टीम के अनुसार 55 डेसिबल से ऊपर शोर का हर 10 डेसिबल इनफर्टिलिटी के खतरे को बढ़ा सकता है। इसका संबंध प्रीमैच्यो र बर्थ और मिसकैरेज से भी है। अब ऊपर बताई गई स्ट़डी में पता चला है कि ध्वानि प्रदूषण पुरुषों की यौन शक्तिु को भी प्रभावित करता है। ध्व नि प्रदूषण की वजह से नींद आने में दिक्कत, हार्ट अटैक, टिनिटस, स्ट्रोतक और ओबेसिटी भी हो सकती है।
शोधकर्ता ध्व,नि प्रदूषण की वजह से पुरुषों में बढ़ रही इनफर्टिलिटी को तो सामने लाने में सफल रहे लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि रात का ही नॉइज पॉल्यूोशन ज्या दा हानिकारक क्यों होता है। शोधकर्ताओं ने पुराने डाटा का इस्तेहमाल किया था और उन्होंजने लोगों से आमने-सामने बैठकर बात नहीं जिसकी वजह से ऐसा हो सकता है।
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