भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के आइक्यूएसी प्रकोष्ठ के द्वारा ’विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस’ मनाया। इस कार्यक्रम के मुख्य मुख्य वक्ता आइक्यूएसी के पूर्व संयोजक प्रोफे. संदीप जसवंत थे। इस अवसर पर महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह, महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ जे. दुर्गा प्रसाद राव विशेष रूप से उपस्थित थे। महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्य द्वारा आईपीआर के संबंध में संक्षिप्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की गई, उन्होंने कहा कि आईपीआर मनुष्य के दिमाग और उसकी रचनात्मक सोच का परिणाम है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संदीप जसवंत ने आईपीआर के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में इसकी शैक्षणिक जगत के साथ देश के अन्य क्षेत्रों में इसकी विशेष आवश्यकता है। उन्होंने आईपीआर क्या है, आईपीआर के लाभ एवं महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि उच्च शिक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपनी औपचारिक आईपीआर नीति का उपयोग करें ताकि आईपी अधिकारों के स्वामित्व और उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने बताया कि पूरे भारत में कॉपीराइट के तहत केवल 6 प्रतिशत ही इसका व्यापक उपयोग किया जा रहा है जो कि बहुत निराशाजनक है। इसका व्यापक उपयोग करके देश के राजस्व को बढ़ाया जा सकता है।
महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े अभ्यर्थियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बहुत ही सारगर्भित जानकारी प्रदान की गई जो कि निकट भविष्य में शोध के कार्य को बढ़ावा देने के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी।