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कोविड काल में अपनी जिम्मेदारी समझें शैक्षणिक संस्थान – राज्यपाल

Apr 29, 2021
Governor Uike asks educational institutions to share responsibilites

दुर्ग। कोविड महामारी के दौर में शैक्षणिक संस्थानों का यह दायित्व है कि वे समाज के हित में अपनी जिम्मेदारी निभायें। शिक्षित होने के कारण उनकी समाज के प्रति और जिम्मेदारी बढ़ जाती है। वर्तमान कोविड- 19 संकट की अवधि में हम सभी का यह दायित्व है कि कोविड- 19 के प्रोटोकॉल का पालन कराने तथा कोरोना वैक्सीन लगाने हेतु समाज के हर वर्ग को प्रेरित करें। ये उद्गार छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज व्यक्त किए।राज्यपाल आज हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा ऑनलाईन आयोजित कोरोना संक्रमण से बचाव तथा वैक्सीन के महत्व विषय पर जनजागरूकता अभियान ‘‘कोरोना से डरो ना- वैक्सीन है ना‘‘ में मुख्य अतिथि के रूप में लगभग 1000 से ज्यादा विद्यार्थियों विश्वविद्यालय के अधिकारियों, प्राध्यापकों, प्राचार्यों, एनएसएस स्वयंसेवकों तथा आम जनमानस को संबोधित कर रही थी।
राज्यपाल अनुसुईया उइके जी ने कहा कि कोरोना संक्रमित होने पर घबरायें नहीं बल्कि उचित चिकित्सक से परामर्श लें। हर परिस्थिति में शासन के कोविड- 19 प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि समाजिक हितों संबंधी गतिविधियों के संचालन में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग सदैव अग्रणी रहा है। मैं इसके लिये पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देती हूं। राज्यपाल महोदया ने 1 मई से होने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के समस्त छात्र-छात्राओं को कोरोना वैक्सीन लगाने का आव्हान किया। मास्क पहनना, सेनेटाइजर का प्रयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग का वर्तमान समय की प्रमुख मांग बताते हुए राज्यपाल ने घरेलू सामग्री जैसे नीबू, दालचीनी, मेथी, कालीमिर्च, सोंठ, अदरक, कपूर, लौग, इलायची का प्रयोग करते हुए प्रतिदिन भाप लेना तथा गर्म पानी से गरारे करने को अपनी दिनचर्या में शामिल करने को कहा। राज्यपाल ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग को एनएसएस इकाई के कार्यों की सराहना भी की।
इससे पूर्व संचालक एवं विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने कोरोना जागरूकता अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत करने हुए बताया कि दुर्ग विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा कोरोना से रोकथाम हेतु अनेक जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गई हैं। विश्वविद्यालय के कुलगीत का भी इस अवसर पर प्रस्तुतीकरण हुआ।
कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने स्वागत भाषण में राज्यपाल का स्वागत एवं धन्यवाद करते हुए कहा कि दुर्ग विश्वविद्यालय सामाजिक सरोकार के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने का हर संभव प्रयास करेगा। डॉ पल्टा ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालय में कक्षाओं के संचालन आरंभ हो जावे इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन भरपूर प्रयास कर रहा हैं। डॉ पल्टा ने वैक्सीनेशन हेतु सभी लोगों से आग्रह भी किया।
कोरोना वैक्सीन को लेकर आम जनमानस में व्याप्त भ्रांतियों का बिंदु वार निराकरण करते हुए मेडिकल कालेज रायपुर के प्रोफेसर डॉ अरविंद नेरल ने बताया कि यह वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित है। विद्यार्थी किसी भी प्रकार के भ्रामक समाचारों में न पडें। डॉ. नेरल ने बताया कि कोरोना से ठीक हो जाने के बाद भी कोविड- 19 के प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। वैक्सीन लगाने के बाद इम्यूनिटी बढ़ जाती है तथा कोरोना का यदि आक्रमण होता भी है तो उसकी तीव्रता कम हो जाती है। डॉ. नेरल ने बार-बार साबुन से हाथ धोने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्यतः पालन करने से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। डाॅ. नेरल ने सभी छात्र-छात्राओं से कहा कि आज से वैक्सीन लगाने हेतु पंजीकरण आरंभ हो गया है और वे लोग पंजीकरण कराकर निर्धारित तिथि पर ही वैक्सीन केंन्द्रों पर जायें।
कोरोना की जंग जीतकर लौटे रायपुर के सीनियर एडव्होकेट दिवाकर सिन्हा ने कोरोना संक्रमण के दौरान अपने अनुभवों को शेयर करते हुए कहा कि इसके बचाव का सबसे प्रमुख उपाय मरीज के मनोबल को ऊंचा रखना है। यदि हम घबरायेंगे। तो श्वांस लेने में तकलीफ अपने-आप बढ़ जाती है। कोरोना निगेटिव होने के बाद भी लगातार कमजोरी लगने का दिवाकर सिन्हा ने उल्लेख किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा 2 लाख विद्यार्थियों को भेजे जाने वाले कोरोना से बचाव व वैक्सीन संबंधी संदेशों युक्त प्रणाली का शुभारंभ भी किया। राज्यपाल ने दुर्ग विश्वविद्यालय के इस कदम की प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस समन्वयक डॉ आर.पी. अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर दुर्ग विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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