कोरोना या कोविड-19 को लेकर पूरी दुनिया दहशत में है। लोग इसकी तुलना स्पैनिश फ्लू की भयावहता से कर रहे हैं। पर यह सही नहीं है। स्पैनिश फ्लू ने दुनिया भर में ऐसा ताण्डव मचाया था कि एक साल के अन्दर अन्दर दुनिया की एक तिहाई आबादी नष्ट हो गई थी। जबकि 2019 के अंत में सामने आए कोविड-19 के कारण अब तक 30.02 लाख संक्रमित लोगों की ही मौत हुई है। लगभग 98 फीसदी संक्रमित ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं।1918-19 में स्पैनिश फ्लू ने कहर बरपा दिया था। उस समय दुनिया की आबादी लगभग 180 करोड़ थी। इनमें से 50 करोड़ लोग प्रभावित हुए था। संक्रमितों में से 10 फीसदी लोगों की मौत हो गई थी। जहां तक कोविड का सवाल है लगभग सवा साल में 14 करोड़ लोक प्रभावित हुए हैं जिनमें से 0.03 फीसद या 30.02 लाख लोगों की मौत हुई है। 11 करोड़ 88 लाख से अधिक लोगों ने इस संक्रमण को मात दिया है। स्पैनिश फ्लू के दौरान दुनिया की आबादी जहां 180 करोड़ थी वहीं वर्तमान में दुनिया की आबादी 790 करोड़ है।
तब और अब में बहुत फर्क है। आज विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है और हम पूरी तरह तैयार हैं। थोड़ी सी सावधानी और समय पर इलाज से हम कोविड को मात दे सकते हैं।