दुर्ग। शासकीय डॉ. वामन वासुदेव पाटनकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग की उपलब्धियों में एक बार फिर महत्वपूर्ण मुकाम हासिल हुआ। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बायोटेक्नालॉजी विभाग की ‘‘स्टार कॉलेज योजना’’ में महाविद्यालय का चयन किया गया है। इस योजना के तहत विज्ञान शिक्षण के उन्नयन के लिए अनुदान दिया जाता है।भारत सरकार की स्टार कॉलेज योजना में देश में स्नातक स्तर पर विज्ञान शिक्षण के उन्नयन के लिए महाविद्यालयों का चयन कर अनुदान दिया जाता है जिससे वे प्रयोगशालाओं का उन्नयन कर सकें। नये आधुनिकतम उपकरण क्रय कर सके। विद्यार्थियों को विज्ञान के नये-नये प्रयोग कराने के लिए केवल प्रयोगशालाओं को ही अपग्रेड नहीं किया जाता है बल्कि विद्यार्थियों को विभिन्न उच्चतर संस्थानों में ले जाकर ट्रेनिंग देना तथा शोधकार्य के लिए प्रेरित भी किया जाता है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों से ‘स्टार कॉलेज योजना’ के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। इसमें प्राप्त प्रस्तावों से देश के विभिन्न 17 महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों का चयन किया गया। विशेषज्ञों की चयन समिति द्वारा वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से प्रस्तुतीकरण के आधार पर महाविद्यालयों का अनुदान हेतु अंतिम चयन किया गया।
इस योजना में प्रदेश से इसी महाविद्यालय का चयन किया गया है। मंत्रालय द्वारा तीन वर्ष तक महाविद्यालय के भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, माइक्रोबायोलॉजी एवं प्राणीशास्त्र विभाग को उपकरण, पुस्तकें, जर्नल्स, फैकल्टी ट्रेनिंग प्रोग्राम, कार्यशाला हेतु अनुदान दिया जावेगा। डॉ तिवारी ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देना है जिससे वे आगे शोध के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर सकें।
इस स्टार कॉलेज योजना में चयन पर महाविद्यालय परिवार में हर्ष व्याप्त है। ‘‘विज्ञान संकाय के उन्नयन से जहाँ छात्राओं को लाभ होगा वहीं शिक्षकों को भी ट्रेनिंग के माध्यम से अपडेट होने का अवसर मिलेगा।
महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. डी.सी. अग्रवाल, डॉ. अमिता सहगल, डॉ. अनिल जैन ने विज्ञान संकाय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को बधाई दी है।