दुर्ग। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर की प्राध्यापक डॉ गार्गी चक्रवर्ती ने कहा कि कॉपीराइट किसी आइडिया का नहीं बल्कि उसके एक्सप्रेशन का होता है। उन्होंने कापीराइट संबंधी कानूनों की चर्चा करते हुए यह भी बताया कि इसका उल्लंघन करने पर किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। डॉ गार्गी यहां शासकीय तामस्कर विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इंटेलेक्चुअल राइट्स (बौद्धिक संपदा अधिकार) पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं।उन्होंने आईपीआर से संबंधित कानूनों की जानकारी दी। डॉ गार्गी ने पेटेंट, ट्रेडमार्क, एवं कॉपीराइट पर जानकारी देते हुए इस क्षेत्र में वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन की भूमिका एवं इससे संबंधित विभिन्न कन्वेंशन्स पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। साथ ही नये शोधार्थियों को प्लेगेरिज्म के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों एवं अन्य संस्थानों में कॉपीराइट पॉलिसी बनाने पर जोर दिया, जिससे सभी रचनात्मक लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
इस 7 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय के बायोटेक्नालॉजी विभाग एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में 3 से 9 मई तक किया जा राह है। कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में सर्वप्रथम कन्वेनर डॉ अनिल कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की, इसके पश्चात् आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ अजय कुमार सिंह ने प्राचार्य का संदेश प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथी ड़ॉ अरूणा पाल्टा, कुलपति, हेमचंद यादव वि.वि. दुर्ग ने अपने उद्बोधन में वर्तमान समय एवं आने वाले समय में बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्व को बताया। उन्होंने मिश्र, जर्मनी एवं अन्य देशों के ऐतिहासिक उदाहरणों के द्वारा अत्यंत रोचक तरीके से प्राचीन काल से ही प्च्त् के महत्व को समझाया। साथ ही उन्होंने युवाओं का संबांधित करते हुए कहा कि नई पीढ़ी के शोधार्थी आइपीआर एवं समय के महत्व को समझे एवं उसके अनुरूप् अपने शोध को रजिस्टर कराये, क्योंकि आने वाले समय भौतिक संपदा की अपेक्षा बौद्धिक संपदा का होगा । डॉ प्रज्ञा कुलकर्णी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ निखिल मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में चेयरपर्सन डॉ जगजीत कौर सलूजा, डॉ अनुपमा अस्थाना, डॉ प्रज्ञा कुलकर्णी, डॉ रंजना श्रीवास्तव एवं आयोजन समिति के सभी सदस्यों के साथ महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण एवं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 360 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें नेपाल, उप्र, मप्र, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश एवं छग से प्रतिभागी सम्मिलित हुए।
कार्यशाला के दूसरे दिन मुख्य वक्ता डॉ कुमार गौरव, सीएनएलयू पटना बिहार ने ’’इश्यूस एंड कन्सर्न ऑफ ट्रेडमार्क इन साइबर स्पेस’’ पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने आईपीआर के सभी पहलूओं को सरल शब्दों में समझाया। रजिस्टर्ड एवं नान रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क के महत्व को समझाते हुए उन्होंने विभिन्न व्यवसायिक कंपनियों हेतु साइबर स्पेस की भूमिका समझाई। उन्होंने ट्रेडमार्क रजिस्टर करने की विधि, इसकी नकल या उल्लंघन होने पर निवारण एवं साइबर स्पेस के उपयोग से वैश्विक पटल पर व्यवसाय की सफलता को समझाया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ सतीश कुमार सेन ने डॉ कुमार गौरव का संक्षिप्त परिचय दिया। कार्यक्रम के अंत में डॉ अजय पिल्लई ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में देश-विदेश के लगभग 350 प्रतिभागियों ने भाग लिया।