दुर्ग। उद्यमिता के क्षेत्र में कदम रखने के लिए भरपूर आत्मविश्वास की जरूरत होती है। अपने काम के क्षेत्र की व्यापक जानकारी जुटाने के साथ ही हमें उसे स्थानीय उपयोगिता से भी जोड़ना चाहिए। अपने व्यवहार के अच्छे बुरे पहलुओं को पहचान कर उसे मर्यादित करना चाहिए तभी हम अपने कार्य के लिए वित्तीय मदद हासिल कर पाएंगे। उक्त बातें आईनर्चर इन्क्यूबेशन फाउंडेशन, एबीईएस इंजीनियरिंग कालेज, गाजियाबाद के सीईओ महेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहीं। वे शासकीय वीवायटी पीजी ऑटोनॉमस कालेज के उद्यमिता प्रकोष्ठ एवं इन्क्यूबेशन सेन्टर द्वारा आयोजित “आत्मबल से आत्मनिर्भरता” कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
आत्मविश्वास की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय जरूरतों के आधार पर बनाई गई उद्यमिता की योजनाएं आसानी से सफल होती हैं। विषय की गहरी जानकारी हमें बैंक तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं से मदद दिला सकती है।
उद्यमिता प्रकोष्ठ एवं इन्क्यूबेशन सेन्टर की प्रभारी डॉ सोमाली गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ आरएन सिंह की प्रेरणा से किया गया है। उनकी दूरदृष्टि के कारण ही इस प्रकोष्ठ का गठन संभव हो पाया।
कार्यक्रम में सेंट थॉमस कालेज के प्राचार्य डॉ रॉयमोन, डॉ नीलू श्रीवास्तव, डॉ लक्ष्मण प्रसाद सहित आसपास के महाविद्यालयों के प्राध्यापकों ने भी शिरकत की। साइंस कालेज के साथ ही सेंट थॉमस कालेज, दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव, खूबचंद बघेल महाविद्यालय भिलाई-3 सहित आसपास के अन्य कालेजों के 85 से अधिक विद्यार्थियों ने इसका लाभ लिया।
कार्यक्रम का संचालन बीएससी अंतिम के छात्र अंकुश शुक्ला एवं बीएससी प्रथम वर्ष के छात्र कृष्णा हालदार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन बीएससी प्रथम के छात्र रूपेश कुमार ने किया।