साइंस कालेज में पर्यावरण सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार
दुर्ग। कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया की पूरी व्यवस्था तहस-नहस हो गई है। इससे निपटने के लिए किए जा रहे उपायों के कारण कचरे की मात्रा भी बहुत बढ़ गई है। इसका निपटान एक बड़ी चुनौती बन गई है। युवाओं को अपने अपने क्षेत्रों में समूह बनाकर इनसे निपटने के उपाय करने चाहिए ताकि पर्यावरण की सुरक्षा की जा सके। यह बातें लंदन में यूथ इनोवेशंस की सह-संस्थापक निलगुन पाला ने कहीं। वे शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा आयोजित वेबीनार को संबोधित कर रही थीं।“इको टॉक्स विथ निलगुन पाला” के नाम से आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम को संबोधित करते हुए निलगुन ने कहा कि हमने प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाया है और आज भी पहुंचा रहे हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह उनकी एनजीओ सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जंग लड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रकृति की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि किस तरह हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कारकों की पहचान कर उन्हें नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने विभाग के इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि पर्यावरण एक वैश्विक घटक है जिसमें हम सबकी सकारात्मक भूमिका होनी चाहिए। यह कार्यक्रम इस दिशा में बेहद उपयोगी साबित होगी।
आरंभ में कार्यक्रम संयोजक डॉ सोमाली गुप्ता ने सांस्कृतिक आदान प्रदान के महत्व की चर्चा करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी।
वेबीनार में जम्मू-कश्मीर, तमिल नाडु, असम, पंजाब सहित 16 राज्यों के 135 विद्यर्थियों ने भाग लिया। रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर से प्रो. सविता सिंह, बिलासपुर विश्वविद्यालय से प्रो. सावित्री त्रिपाठी, झारखण्ड से डॉ पूनम निगम सहाय, पंजाब से निधि सूद, ओडीशा से डॉ पण्डा विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बीएससी अंतिम की छात्रा मानसी यदु ने किया। बीए अंतिम के छात्र मनीष वर्मा ने अतिथि वक्ता का परिचय दिया। बीएससी अंतिम की छात्रा वैशाली देवांगन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।