भिलाई। एक तरफ जहां कोविड-19 ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है वहीं अब इलाज के बाद घर लौटने वाले मरीजों में रोज नए-नए लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इनमें से कुछ लक्षण तो जानलेवा साबित हो रहे हैं। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल कोविड टीम के प्रभारी डॉ प्रतीक कौशिक ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कोविड ट्रीटमेंट के बाद उभरने वाले लक्षणों पर बारीकी से नजर रखे जाने की जरूरत है ताकि समय पर हस्तक्षेप किया जा सके।डॉ कौशिक ने बताया कि ठीक होकर घर जा रहे मरीजों में ये लक्षण शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। लक्षण तीन महीने या उससे भी अधिक समय तक बने रह सकते हैं। इन लक्षणों में नींद नहीं आना, भूख नहीं लगना, दस्त, सांस की गति में परिवर्तन, शरीर के तापमान में गिरावट आदि शामिल हैं। ये लक्षण तीन महीने या उससे भी अधिक समय तक रह सकते हैं।
दूसरी समस्या शरीर द्वारा अपने अंगों के संधारण से जुड़ी है। कुछ स्वाभाविक क्रियाओं की दिशा बदल गई है। नाक और उसके पीछे भाग की श्लेष्मा झिल्ली आम तौर पर संक्रमण से बचाव का काम करती है। पर कोविड के मरीजों में यह आक्रामक रूप धारण कर रही है। यह अपना आकार और फैलाव बढ़ा रही है जो कुछ मामलों में खतरनाक रूप धारण कर रही है। इसी तरह फेफड़े की कोशिकाओं के व्यवहार में भी परिवर्तन आ रहा है। एक बड़ी समस्या बैक्टीरियल तथा फंगल इंफेक्शन के रूप में भी देखने को मिल रही है।
डॉ प्रतीक ने बताया कि कोविड के मरीज चाहे उनका इलाज अस्पताल में हुआ हो या घर पर रहकर, उन्हें इन लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से निबटने के लिए फिजियोथेरेपी, प्राणायाम और औषधियों की जरूरत पड़ सकती है। कोई भी समस्या होने पर संबंधित विशेषज्ञ से सम्पर्क करना चाहिए। ये समस्याएं मुख्य रूप से छाती रोग विशेषज्ञ, न्यूरो विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ, मेडिसिन विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ या फिजियोथेरेपी विशेषज्ञ से जुड़ी होती हैं। लापरवाही से मरीज की जान को खतरा हो सकता है।