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शोध की सफलता के लिए ईमानदारी एवं जुझारूपन जरूरी – डॉ केशरी

May 1, 2021
Dedication and truthfulness impertinent to research

दुर्ग। ईमानदारी एवं जुझारूपन किसी भी सफल शोधार्थी के प्रमुख गुण होते है। शोध कार्य के दौरान केवल सैद्धान्तिक ही नहीं अपितु समाजहित का भी ध्यान रखना चाहिये। ये उद्गार पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ केशरी लाल वर्मा ने व्यक्त किये। डॉ वर्मा हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पीएचडी शोधार्थियों के कोर्सवर्क से संबंधित 10 दिवसीय ऑनलाईन व्याख्यान श्रृंखला के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। 600 से अधिक शोधार्थियों, प्राचार्यो, प्राध्यापकों, दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिकारियों को संबोधित करते हुए डॉ वर्मा ने कहा कि शोध कार्य के दौरान कभी कभी अनेक बाधाएं जैसे प्रयोग का सफल न होना मौसम का व्यवधान, स्वास्थ्यगत्, समस्याएं, आदि आती है,परन्तु शोधार्थी विचलित न हों। अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर ज्यादा से ज्यादा अध्ययन, लाइब्रेरी तथा ई रिसोर्सेस का उपयोग करें। विश्व के विभिन्न भागों में विषय से संबंधित नवीनतम शोध कार्यों की जानकारी रखना भी आवश्यक है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में दुर्ग विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने समस्त आमंत्रित विषय विशेषज्ञों को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारे शोधार्थियों को पीएचडी कोर्सवर्क से संबंधित नवीन जानकारी एवं दिशा मिली है। विश्वविद्यालय में चूंकि वर्तमान में स्वयं का भवन नहीं है। अतः फिलहाल हम शोधार्थियों हेतु ई रिसोर्सेस के ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। डॉ पल्टा ने बताया कि समापन समारोह के तत्काल पश्चात् समस्त शोधार्थियों की बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर आॅनलाईन टेस्ट परीक्षा ली जायेगी। उस परीक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले शोधार्थियों को ही ई प्रमाणपत्र प्रदान किया जायेगा।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलगीत प्रस्तुतिकरण के साथ आरंभ हुए इस ऑनलाईन समापन समारोह में दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने ऑनलाईन व्याख्यानों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सी.एल. देवांगन ने इसे सफल कार्यक्रम निरूपित करते हुए कहा कि विषय विशेषज्ञों के व्याख्यानों से हमारे विश्वविद्यालय के शोधार्थी अवश्य लाभान्वित हुए हैं। डॉ देवांगन ने कहा कि भविषय में भी विश्वविद्यालय इस तरह के अकादमिक आयोजन विद्यार्थियों हेतु करेगा।
ऑनलाईन व्याख्यानों के संबंध में प्रतिभागियों एवं विषय विशेषज्ञों की तरफ से डॉ नीलू श्रीवास्तव शास. दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगांव, श्रीमती जय शिक्षा संकाय, संयुक्ता पाढ़ी अंग्रेजी संकाय, ओमप्रकाश ने व्याख्यानों को अत्यंत उपयोगी बताया। रिसोर्सपर्सन् में से डॉ प्रीतालाल, डॉ सुपर्ण सेन गुप्ता तथा डॉ उषा किरण अग्रवाल ने भी अपने विचार रखते हुए दुर्ग विश्वविद्यालय के इस अकादमिक आयोजन के गुणवत्ता की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में सहायक कुलसचिव अकादमिक डॉ सुमीत अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव डॉ राजमणि पटेल, सहायक कुलसचिव डॉ ए.आर. चौरे, डॉ हिमांशु शेखर मंडावी, स्पोट्स डायरेक्टर डॉ ललित प्रसाद वर्मा तथा एनएसएस समन्वयक डॉ आर.पी. अग्रवाल सहित समस्त कर्मचारी भी ऑनलाईन उपस्थित थे।

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