दुर्ग। शा. विश्वनाथ तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग द्वारा आतंरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ, एनसीसी, एनएसएस और यूथ रेड क्रास के संयुक्त तत्वाधान में 18+ कोविड-19 टीकाकरण अभियान पर ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह के आशीर्वाद एवं प्रेणना से आयोजित इस कार्यक्रम में मनोवैज्ञानिक डॉ शमा हमदानी ने लोगों को प्रेरित किया।आरम्भ में वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष एवं एनसीसी प्रभारी डॉ. ओपी गुप्ता ने कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि 18+ कोविड-19 टीकाकरण 1 मई से प्रारंभ हो गया है। कोविड-19 के बचाव हेतु टीकाकरण जरुरी हथियार है। साथ ही कोविड-19 पर सरकार द्वारा दी जाने वाली गाइड लाइन का पालन भी हम सबको करना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्ष आतंरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. जगजीत कौर सलूजा ने कहा कि टीकाकरण सुरक्षित है। टीकाकरण से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन हेतु पूरी टीम को बधाई दी।
मुख्य वक्ता डॉ. शमा हमदानी ने टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। कोविशिल्ड, कोवेक्सीन और स्पुतनिक-वी का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार से खून में जाने के बाद शरीर के इम्मुनिटी सिस्टम को मजबूत करता है। टीका लगाने के बाद किसी को कोरोना संक्रमित तो कर सकता है पर उसकी मौत नहीं होगी। टीकाकरण से हम स्वयं तो सुरक्षित होते ही हैं, हमसे जुड़े लोगों को भी हमसे खतरा कम हो जाता है। यदि अस्थमा, एलर्जी जैसी कोई भी मेडिकल हिस्ट्री हो तो उसे टीका लगाने से पहले डॉक्टर या नर्स को जरुर बताना चाहिये।
महाविद्यालय की एनसीसी गर्ल्स विंग की प्रभारी डॉ. सपना शर्मा ने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए समाजिक-दूरी पर चर्चा की और एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाये रखने की अपील छात्र- छात्राओं से की। एनएसएस गर्ल्स विंग की प्रभारी डॉ. मीना मान ने मास्क पर बल देते हुए कहा कि इससे आप संक्रमण से बच सकते हैं। एनएसएस ब्वायज विंग के प्रभारी जैनेन्द्र दीवान ने कहा कि हमें अपने हाथ को सेनेटाइज करते रहना चाहिये। आँख, नाक एवं मुंह को छूने से पहले हाथ सेनेटाइज करें।
जागरूकता अभियान कार्यक्रम की संयोजक एवं मनोविभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रचिता श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि वर्त्तमान परिस्थिति व्यवहार में बदलाव की मांग कर रही है। कोरोना से जंग जीतना है तो टीकाकरण के साथ भौतिक दूरी, मास्क और हैण्ड सेनेटाइजेशन को अपने व्यवहार में उतरना होगा। वनस्पति शास्त्र के प्राध्यापक डॉ. सतीश सेन मुख्य वक्ता के उद्गगार के लिए धन्यवाद प्रस्तुत किया। प्राणिशास्त्र विभाग की प्राध्यापक एवं आई.क्यू.ए.सी. की सदस्य डॉ. संजू सिन्हा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। महाविद्यालय के 21 विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ प्राध्यापकों के सहयोग से ही जागरूकता कार्यक्रम अपने अंजाम तक पहुंचा। इस अवसर पर अंग्रेजी की विभागाध्यक्ष डॉ. मीता चक्रवर्ती, माइक्रोबायोलॉजी की प्राध्यापक डॉ. रेखा गुप्ता एवं डॉ. नीतू दास, वनस्पति शास्त्र की प्राध्यापक डॉ. विजयलक्ष्मी नायडू आदि विशेष रूप से जुड़े थे। स्नातक एवं स्नातकोतर छात्र-छात्राओं ने अपनी भागीदरी सुनिश्चित की।