दुर्ग। स्वस्थ शरीर हेतु योग तथा स्वस्थ मन हेतु ध्यान करना आवश्यक है। यह तथ्य हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ऑनलाईन ध्यान व योग प्रशिक्षण कार्यशाला में उभरकर सामने आया। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि प्रथम सत्र में रायपुर की योग प्रशिक्षक श्रीमती मंजुषा बेडेकर ने योग से जुड़े विभिन्न पहलुओं की महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम मुद्राएं आदि की जानकारी स्वयं योग करते हुए दी। उन्होंने प्रत्येक योग क्रिया के दौरान रखी जाने वाली सावधानियां तथा उनसे होने वाले लाभ का भी वर्णन किया। श्रीमती मंजुषा ने बताया कि यदि आपकी नाक के दोनों छिद्र खुले व क्लीयर महसूस नहीं होते तो यह शरीर के अंदर की किसी व्याधि के सूचक है। श्रीमती मंजुषा से अनेक प्राध्यापकों ने स्लिप डिस्क, थायराइड, सायटिका, वजन कम करने तथा बालों की ऊंचाई बढ़ाने आदि पर प्रश्न पूछे। श्रीमती बेडेकर ने इन से संबंधित आसनों की महत्व जानकारी दी।
द्वितीय सत्र में शास. वी.वाय.टी. पी.जी स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के प्राध्यापक तथा हार्टफुलनेस संस्था के प्रभारी डॉ. एसडी देशमुख ने ध्यान करने की आवश्यकता एवं उसके महत्व पर पावर पाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी दी। 500 से अधिक प्रतिभागी, प्राचार्य, प्राध्यापकों, शोधार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ देशमुख ने ध्यान की आवश्यकता क्यों है? इस पर प्रकाश डाला। कोविड- 19 और ध्यान का महत्व पर बोलते हुए डॉ देशमुख ने कहा कि हम अंदर से प्रसन्न रहने का प्रयास करें। स्वयं के विचलित होने पर घबराहट के कारण हमारा ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। अतः हमें अपना मनोबल हमेशा ऊंचा रखना चाहिये। डॉ. देशमुख ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को दिन में एक बार अवश्य एकाग्रचित्त कर ध्यान अवश्य करना चाहिये।
दुर्ग विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने दोनों आमंत्रित वक्ताओं के प्रस्तुतिकरण की सराहना करते हुए कहा कि हमारे जीवन में योग व ध्यान का विशेष महत्व है। शरीर एवं मन दानो स्वस्थ होने पर व्यक्ति की कार्य की क्षमता में आशातीत वृद्धि होती है। डॉ देशमुख ने एक एक्सरसाईज के माध्यम से प्रतिभागियों को रिलेक्स होने का प्रशिक्षण दिया अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने किया।