• Fri. Apr 19th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

पर्यावरण संरक्षण हम सभी का सामूहिक दायित्व-मुदित सिंह

Jun 8, 2021
Environment day at Hemchand Yadav University

दुर्ग। पर्यावरण संरक्षण हमारा सामूहिक दायित्व है। हमें इस दायित्व का जिम्मेदारी से निर्वहन करना चाहिए। ये उद्गार छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, रायपुर के महानिदेशक मुदित कुमार सिंह ने व्यक्त किये। श्री सिंह हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाईन आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम अपनी मूल संस्कृति एवं संस्कार को छोड़कर पाश्चात्य देशों का अनुकरण करने लगे। हमें अपनी प्राकृतिक धरोहर को भूलना नहीं चाहिंए। पोखर, बावली, कुआ, वृक्षों की पूजा, वृक्षों पर आधारित त्यौहार पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा को प्रदर्शित करते हैं। हमारे पूर्वज प्रकृति संरक्षण के सदैव पक्षधर रहे हैं। हमें समसामयिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करना चाहिये। यथार्थ के साथ सामन्जस्य स्थापित कर पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रयास करना चाहिये। इसके लिये व्यक्तिगत सोच में सुधार जरूरी है।
कार्यक्रम के आरंभ में दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने विश्व पर्यावरण दिवस की महत्ता तथा सत्र 2021 की थीम ’’इकोसिस्टम का रिइस्टोरेशन’’ का विश्लेषण किया। अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय की कुलपति, डॉ अरूणा पल्टा ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा जल संरक्षण तथा पर्यावरण संरक्षण के संबंध में आयोजित गतिविधियों की जानकारी दी। डॉ पल्टा ने कहा कि जल संरक्षण हेतु समूचा शिक्षित परिवार हर कदम पर प्रयास कर सकता है। बहते जल को रोकना, रेनवॉटर हारवेस्टिंग, ऊर्जा की बचत इसमें प्रमुख बिन्दु हैं। उन्होंने पुनरउपयोग, पुनर्चलित तथा पुर्नर्विचार को पर्यावरण संरक्षण हेतु आवश्यक बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति, आचार्य एडीएन बाजपेयी ने कहा कि वर्तमान में पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण सोच एवं कियान्वयन में सामंजस्य का अभाव है। डॉ बाजपेयी ने कहा कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन अवधि में पर्यावरण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जब शासकीय आदेश के लॉकडाउन के परिपालन में हम पर्यावरण में सुधार ला सकते हैं तो फिर स्वेच्छा से क्यों नहीं ? हमें किसी समस्या के उत्पन्न होने के पहले ही उसके समाधान हेतु प्रयत्न करना चाहिए। असंतुलित विकास ही पर्यावरण क्षरण के लिये जिम्मेदार है। डॉ बाजपेयी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के भंडारण का ज्ञान भी आवश्यक है।
आज समारोह के दौरान विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालय के पांच चुनिंदा प्राध्यापकों डॉ अवधेश श्रीवास्तव, (शास. दानवीर तुलाराम महाविद्यालय, उतई), मौसमी डे, (साइंस कॉलेज, दुर्ग), डॉ नीरू अग्रवाल, (साइंस कॉलेज, दुर्ग), तुकेश कुमार, (श्रीराम कॉलेज ऑफ एजुकेशन राजनांदगांव) डॉ वंदना सिंह (श्री शंकराचार्य कॉलेज, भिलाई) ने जल संरक्षण पर पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि द्वारा मूल्यांकन के पश्चात् डॉ अवधेश श्रीवास्तव, डॉ वंदना सिंह तथा तुकेश कुमार को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। सांत्वना पुरूस्कार मौसमी डे तथा डॉ नीरू अग्रवाल को मिला। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव, हिमांशु शेखर मंडावी ने किया।

Leave a Reply