भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा साइकोलॉजिक सपोर्ट फॉर कोविड पेन्डमिक कंडिशन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद के सौजन्य से आयोजित यह कार्यशाला वर्चुअल मोड पर हुई। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में कोविड-19 के कारण उत्पन्न होने वाली परेशानियों एवं उसमें अपनी सहभागिता पर प्रकाश डाला गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद हैदराबाद के व्याख्याता अमृतांशु द्विवेदी मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह ने कहा कि कोविड-19 के कारण कई परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। इससे निपटने में किस तरह से सहभागिता की जाए, इसके लिए विद्यार्थियों को मानसिक रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाएगा।
अमृतांशु द्विवेदी ने कहा कि कोविड-19 के समय में हर कोई अपने कर्तव्य का पालन कर रहा था चाहे वह सिपाही हो, नर्स हो या फिर डॉक्टर। लोगों ने 2 गुना, 3 गुना काम किया। केवल शिक्षक ही ऐसे रहे जिन्होंने अपने सामान्य कार्य समय से कम काम किया, जबकि वे बहुत अच्छी भूमिका निभा सकते थे। उन्होंने कहा कि आज हम किसी की मदद करते हैं तो कल हमें भी आवश्यकता पड़ने पर मदद मिल पाएगी। सामाजिक प्राणी होने के कारण सभी को एक दूसरे की आवश्यकता बनी रहती है। अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए आपने विद्यार्थियों के सहयोग से बहुत से उदाहरण को स्पष्ट किया।
इस कार्यशाला से होने वाले लाभ को स्पष्ट करते हुए महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे दुर्गा प्रसाद राव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नीरा पांडे ने किया। इस वेबीनार में डॉ गायत्री जय मिश्रा, डॉ. वंदना सिंह, डॉ. संतोष शर्मा, डॉ जयश्री वाकणकर, कंचन सिन्हा, डॉ लक्ष्मी वमार्, पूर्णिमा तिवारी, सुधा मिश्रा, सीमा द्विवेदी, सुमिता सिंह सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक सभी शिक्षक प्रशिक्षणार्थी एवं विद्यार्थी ऑनलाइन उपस्थित थे।