• Fri. Apr 19th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में ”सूचना के अधिकार” पर वेबीनार

Jun 7, 2021
Webinar on RTE at SSMV Bhilai

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में 7 जून 2021 को सूचना के अधिकार पर एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य सभी जनमानस को एवं महाविद्यालय विद्यार्थियों को अपने अधिकारों की जानकारी देना था। आमंत्रित वक्ता लॉ महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ प्रिया राव ने कहा कि इसके द्वारा लोगों को सूचना पाने का अधिकार प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि लोकतांत्र में जनता ही असली मालिक है। मालिक होने के नाते जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि जो सरकार उनकी सेवा में है वह क्या कर रही है। यही देश के विकास और व्यवस्था की आधारशिला को स्थिर रखता है। लेकिन जनता को यह जानने का पूरा हक है कि उनके द्वारा दिया गया पैसा कब कहां और किस प्रकार खर्च किया जा रहा है।
अधिकार के अंतर्गत दस्तावेजों, रिकार्डो का निरीक्षण , दस्तावेज अधिकारों की प्रस्तावना और सारांश नोट स्वप्रमाणित प्रतियां प्राप्त करना, प्रमाणित नमूने लेना और प्रिंट आउट, फ्लॉपी, वीडियो कैसेट के रूप में या कोई अन्य इलेक्ट्रिक रूप में जानकारी प्राप्त करना।
द्वितीय वक्ता छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जाने माने वकील आरके रस्तोगी ने कहा कि विश्व में स्वीडन पहला ऐसा देश है जिसके संविधान में सूचना की स्वतंत्रता प्रदान की गई है। हाल ही में लोक सभा ने सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक 2019 पारित किया। इस विधेयक में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को संशोधित करने का प्रस्ताव है। इस संशोधन के प्रमुख बिंदु थे पहले मुख्य सूचना आयुक्त चीफ इंफॉर्मेशन कमिश्नर और संयुक्त कमिश्नर का कार्यकाल 5 वर्ष का होता था परंतु संशोधन के अनुसार इनका कार्यकाल केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा। केंद्र और राज्य स्तर पर मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्त के वेतन भत्ते तथा अन्य रोजगार की शर्त भी केंद्र सरकार द्वारा ही तय की जाएगी। तीसरा यह प्रावधान रखा गया कि मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त पद पर नियुक्त होते समय उम्मीदवार किसी सरकारी नौकरी की पेंशन या सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त करता है तो उस लाभ के बराबर की राशि को उसके वेतन से हटा दिया जाएगा को समाप्त कर दिया गया है। आज विश्व के 80 देशों में सूचना के अधिकार को महत्ता दी गई है।
महाविद्यालय की प्राचार्य एवं निदेशक डॉ रक्षा सिंह ने बताया कि इस वेबीनार में 7 राज्यों के प्रतिनिधि जुडे हुए थे। विद्यार्थियों को अपने अधिकारों के प्रति सजग एवं सचेत रहने की अपील की जिससे उनकी प्रति होने वाले किसी भी किस्म के अत्याचारों एवं शोषण से सचेत रह सके। महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ जे.दुर्गा प्रसाद राव ने विद्यार्थियों को सूचना के अधिकार के महत्व से अवगत कराया और यह बताया कि किस प्रकार आप अपने जीवन में इस प्रकार के अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम का संचालन कला संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ जयश्री वाकणकर ने किया। कला संकाय के सभी प्राध्यापक सहित विभिन्न संकाय के प्राध्यापकों गैर शिक्षण कर्मचारी विद्यार्थियों एवं जनमानस ने उठाया।

Leave a Reply