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स्वरूपानंद कॉलेज में भविष्य निर्माण पर एलुमनाई कार्यशाला

Jun 3, 2021
Alumni lecture at SSSSMV

भिलाई। स्वरूपानंद महाविद्यालय में गणित विभाग एवं आइक्यूएसी सेल के संयुक्त तत्वाधान में एलुमनी द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला “अपने भविष्य को बेहतर बनाएं का “आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संयोजन विभागाध्यक्ष गणित मीना मिश्रा एवं विभागाध्यक्ष रसायन डॉ रजनी मुदलियार ने किया। संयोजक मीना मिश्रा ने कहा कि यह आयोजन बीएससी एवं एमएससी के विद्यार्थियों के लिए किया गया है। अतिथि व्याख्याता के रूप में एलुमनी विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया है ताकि विद्यार्थी उनके अनुभव का लाभ उठा सकें। डॉ रजनी मुदलियार ने कहा कि एलुमनी विद्यार्थियों को अतिथि व्याख्याता के रूप में बुलाने का मुख्य उद्देश्य है कि वर्तमान में जो विद्यार्थी अध्ययनरत हैं वे अपने एलुमनी को देखकर उत्साहित हो सके एवं भविष्य के लिए मार्गदर्शन ले सकें।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि यूजी एवं पीजी के विद्यार्थियों के लिए एलुमनी विद्यार्थियों को अतिथि व्याख्याता के रूप में आमंत्रित किया गया है विद्यार्थी जब विद्यार्थी को समझाते हैं तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है जब विद्यार्थी अपने एलुमनी से जुड़ते हैं तो बहुत सी बातों को फ्री होकर पूछ सकते हैं एलुमनी जिस जगह पर अभी है उनमें जरूर कोई क्वालिटी रही होगी तभी वह वहां तक पहुंचे। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई सिर्फ मेरिट में आने के लिए ना करें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के उद्देश्य से पढ़े तब आप जो बनना चाहते हैं वह भविष्य में हासिल करेंगे।
महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने गणित विभाग को इस दो दिवसीय कार्यशाला के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के कठिन समय में विद्यार्थियों के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन बहुत ही लाभकारी है इससे विद्यार्थियों में प्रोत्साहन बढ़ेगा एवं नई ऊर्जा का संचार होगा।
एलुमनी श्रुति शुक्ला ने 2016 में एमएससी गणित उत्तीर्ण किया। रविशंकर विश्वविद्यालय की गणित विषय की प्राविण्य सूची में इनका नवा स्थान था। वर्तमान में वे शासकीय महाविद्यालय भाटापारा में सहायक प्राध्यापक हैं एवं हेमचंद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही हैं। श्रुति शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि जो विद्यार्थी नेट एवं सेट परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनको अपना बेसिक बहुत ही मजबूत करना होगा। नेट, सेट एक्जाम एवं एमएससी में जो हम पढ़ते हैं दोनों में बहुत अंतर है। हमें यह सीखना होगा कि हम जो थ्योरम पढ़ रहे हैं उसको हम कैसे अप्लाई करें। नेट सेट परीक्षा की तैयारी बहुत सारी परीक्षा में मदद करता है। एमएससी पढ़ते समय हम जो प्रेजेंटेशन एवं सेमिनार देते हैं उस पर हमें विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि हम यहीं पर अपने बेसिक को इस प्रेजेंटेशन एवं सेमिनार के द्वारा मजबूत बना सकते हैं और प्रेजेंटेशन जब हम सीखते हैं तो भविष्य में पीएचडी करते समय यही प्रेजेंटेशन और सेमिनार काम आता है। श्रुति ने कहा कि प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए हमें हमारे शिक्षक सहयोग करते थे। विद्यार्थियों से उन्होंने कहा कि आप अपने शिक्षकों का सहयोग लेकर प्रेजेंटेशन तैयार करना व सेमिनार प्रस्तुत करना सीख सकते हैं।
एलुमनी सोनाली लोया ने स्वरूपानंद महाविद्यालय से 2015 में बीएससी उत्तीर्ण किया। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की बीएससी की प्रावीण्य सूची में सोनाली का छठवां स्थान था। सोनाली लोया ने नेट, सेट एवं गेट परीक्षा उत्तीर्ण की है एवं सीजीपीएससी सहायक अध्यापक 2020-21 की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। सोनाली ने बीएससी, सीएसआईआर नेट, गेट एवं सहायक प्राध्यापक परीक्षा की तैयारी कैसे करना चाहिए के विषय में विस्तार से जानकारी दी। सोनाली ने कहा कि किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए सर्वप्रथम हमें उसका सिलेबस देखना चाहिए और उसके अनुसार ही अपनी स्ट्रेटजी बनाकर परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए। जो भी हम पढ़ते हैं उसका हमें मंथली या वीकली रिवीजन करते रहना चाहिए। गणित के विद्यार्थियों के लिए उन्होंने कहा कि प्रैक्टिस सबसे ज्यादा जरूरी है। तैयारी ऐसे करना चाहिए कि हमारा परसेंटेज भी अच्छा आए और हमें नॉलेज भी मिले। नोट्स बनाकर पढ़ने से हमें चीजें याद रहती हैं और हमारा नॉलेज बढ़ता है। सीएसआईआर नेट की परीक्षा साल में दो बार जून एवं दिसंबर में होती है। इसमें दो ऑप्शन होते हैं लेक्चरर एवं जेआरएफ। कॉलेज में पढ़ाने के लिए नेट एग्जाम क्वालीफाई करना जरूरी है। सोनाली ने बताया जेआरएफ निकालने पर पीएचडी के लिए स्कॉलरशिप मिलता है। जेआरएफ की सहायता से प्रोजेक्ट लेकर उस पर भी काम कर सकते हैं। गेट परीक्षा की तैयारी भी सीएसआईआर नेट के जैसी ही करनी चाहिए। इस परीक्षा को एमएससी के विद्यार्थी दे सकते हैं। गेट परीक्षा की सहायता से विद्यार्थी पीएचडी कर सकते हैं इसके आधार पर स्कॉलरशिप मिलता है। गेट स्कोर के आधार पर विद्यार्थियों को ओएनजीसी, बार्क आदि में नौकरी भी मिलती है।। विद्यार्थियों को सर्वप्रथम गोल निर्धारित करना।
दो दिवसीय इस कार्यशाला में बीएससी एवं एमएससी गणित के विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने अपने एलुमनी से बहुत सारे प्रश्न पूछे और भविष्य में उन्हें क्या करना है इसका मार्गदर्शन अपने एलुमनी विद्यार्थियों से लिया। कार्यक्रम का सफल संयोजन सहायक प्राध्यापक गणित श्रीमती निशा पाठक ने किया एवं टेक्निकल सहयोग सहायक प्राध्यापक टी बबीता का रहा।

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