भिलाई। महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम कर रही विशाखा समिति की अध्यक्ष हेलिना गिरिधरन ने आज कहा कि बाजार में मिल रहा ब्रैंडेड सैनिटरी नैपकिन महिलाओं के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। सर्वाइकल और यूटेराइन कैंसर से लेकर यह अनेक स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर रहा है। वे यहां एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग की छात्राओं को उनके अधिकारों पर संबोधित कर रही थीं। हेलिना ने बताया कि खतरनाक ब्रांडेड सैनिटरी पैड का विकल्प भारत में ही बन रहा है पर अनुबंध के तहत वह पूरा का पूरा यूरोपीय देशों को निर्यात हो जाता है। ये पैड पूरी तरह केमिकल मुक्त हैं, बायोडीग्रेडेबल हैं और एंटी माइक्रोबियल हैं। इन्हें छह से 9 घंटे तक उपयोग में लाया जा सकता है, इनमें गंध नहीं होती, इनकी वजह से किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न नहीं होती।
उन्होंने स्टूडेंट्स को घरेलू हिंसा कानून, यौन उत्पीड़न कानून, उत्तराधिकार कानूनों की जानकारी भी दी। पेशे से क्रिमिनल एडवोकेट हेलिना ने बताया कि लड़कियों को सुरक्षित सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए वे लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। इसमें सफलता निश्चित है क्योंकि डब्लूएचओ, यूनीसेफ, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुम्बई तथा एम्स जैसी संस्थानों के डाक्टरों ने प्रचलित सैनिटरी पैड्स को खतरनाक बताया है।
कार्यक्रम की अध्य़क्षता प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन नी की। विशिष्ट अतिथि के रूप में एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहा. प्राध्यापक सहायक प्राध्यापक ममता सिन्हा एवं दिव्या दास ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ डैनियल तमिल सेलवन ने किया। इस अवसर पर छात्राओं को सुरक्षित एन्टी माइक्रोबियल सैनिटरी नैपकिन भी उपलब्ध कराया गया।