भिलाई। छत्तीसगढ़ में इंटैक के सूत्रधार, सुप्रसिद्ध पत्रकार व लेखक कवि व देशबन्धु पत्र समूह के प्रधान सम्पादक स्व. ललित सुरजनजी की जन्मतिथि के अवसर पर गुरुवार को पंजाबी ब्राह्मण समाज कार्यालय में स्मरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। भारतीय सांस्कृतिक निधि (इंटैक) के दुर्ग-भिलाई अध्याय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक, कवि रवि श्रीवास्तव ने कहा कि स्व सुरजन के लेख, कविता व कहानियां समाज को नई दिशा देती हैं। रवि श्रीवास्तव ने कहा कि श्री सुरजन ने ग्रामीण पत्रकारिता को बेहतर बनाने के विशेष प्रयास किए थे। उन्होंने नए रचनाकारों को सदैव प्रोत्साहित किया। इंटैक के संयोजक प्रो. डी.एन.शर्मा ने कहा कि श्री सुरजन एक कवि, साहित्यकार, लेखक व कहानीकार ही नही अपितु एक संस्था थे। उन्होंने कहा कि स्व. सुरजन कई सामाजिक, सांस्कृतिक व साहित्यिक संस्थाओं से जुड़े थे। प्रदेश में इंटैक को आरम्भ करते हुए उन्होंने सांस्कृतिक संरक्षण के अनेक कार्य किए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए विद्या गुप्ता ने कहा कि स्व. सुरजन जी का जीवन संघर्षो से भरा रहा है। सादगी उनका सबसे बड़ा गुण था। विनोद साव ने कहा कि श्री सुरजन की प्रेरणा व मार्गदर्शन से उन्हें साहित्यकार लेखक व व्यंग्यकार की पहचान मिल सकी है। साहित्यकार नलिनी श्रीवास्तव ने कहा कि श्री सुरजन बहुत ही सरल व सहज किंतु अत्यंत प्रेरणादायी व्यक्ति थे।
देशबन्धु भिलाई के ब्यूरो प्रमुख प्रवीण शर्मा ने कहा कि देशबन्धु की पहचान पत्रकारिता की पाठशाला के रुप में है। श्री सुरजन से हमेशा कुछ सीखने को मिलता था। आज उनकी कमी बहुत ज्यादा महसूस हो रही है। श्रीमती पोलम्मा ने कहा कि श्री सुरजन के मार्गदर्शन में उन्होंने बाल स्वराज अंक का प्रकाशन किया था। शुचि क्षत्रिय ने कहा कि उन्हें श्री सुरजन से काफी कुछ सीखने को मिला।
कार्यक्रम में शोभा, रविंद्र खंडेलवाल, कान्ति भाई सोलंकी, राकेश शर्मा, विकास तिवारी, दर्षित शर्मा, पत्रकार मोहन सहित अनेक उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन पी. पोलम्मा ने किया।