भिलाई। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में इस वर्ष समस्त प्रथम वर्ष एवं प्रथम सेमेस्टर कक्षाओं में केवल ऑनलाईन प्रवेश होंगे। यदि कोई महाविद्यालय किसी विद्यार्थी को ऑफलाईन प्रवेश देते हैं तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित महाविद्यालय एवं विद्यार्थी की होगी। विश्वविद्यालय ऑलाईन रूप से प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को नियमित विद्यार्थी की मान्यता प्रदान नहीं करेगा। यह जानकारी आज विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने अधिकारियों की बैठक में दीं। उन्होंने बताया कि नये शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रवेश की ऑनलाईन प्रक्रिया 02 अगस्त से प्रारंभ होगी तथा विद्यार्थियों को हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग के पोर्टल पर प्रवेश हेतु ऑनलाईन रूप से आवेदन करना होगा। आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2021 निर्धारित की गई है। 16 अगस्त 2021 तक प्राप्त आवेदनों को संबंधित महाविद्यालयों में प्रेषित कर दिया जायेगा। जिसके आधार पर महाविद्यालय प्रवेश हेतु प्राविण्यता के आधार पर सूची जारी करेंगे।
इस वर्ष होम बुक परीक्षा पद्धति के कारण विद्यार्थियों को अपेक्षाकृत अधिक प्राप्तांक प्राप्त हुए हैं। अतः प्रत्येक महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु भारी दबाव हैं। अतः सभी विद्यार्थियों को ऑनलाईन आवेदन भरते समय कम से कम तीन चार महाविद्यालयों के नाम प्राथमिकता क्रम से भरने चाहिए। केवल एक ही महाविद्यालय हेतु आवेदन करने वाले विद्यार्थी उस महाविद्यालय में प्रवेश न मिलने पर कठिनाई का सामना करते हैं क्योंकि उन्होंने अन्य महाविद्यालयों का विकल्प अपने आवेदन पत्र में उल्लेखित नहीं किया होता।
विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय के पोर्टल पर उपलब्ध आवेदन पत्र में विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यों से प्राप्त सुझावों के आधार पर आवश्यक संसोधन किया गया है। जिसमें विद्यार्थियों को मिलने वाला एनसीसी, एनएसएस, खेलकूद, के क्षेत्र में सहभागिता के कारण मिलने वाला अंकों का अधिभार समावेशित किया गया है। इसी प्रकार विषय समूह तथा अन्य परिवर्तन भी किये गये हैं। विश्वविद्यालय द्वारा जारी निर्देशों के मूताबिक 02 अगस्त से महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की भौतिक रूप से उपस्थिति को देखते हुए सेनेटाईजेशन एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन आवश्यक हैं। इस बीच आज विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक परीक्षा 2021 के तीन परीक्षा परिणाम जारी कर दिये गये जिनमें एम.ए. पूर्व-दर्शनशास्त्र तथा बी.एस.सी. बी.एड. चतुर्थ में 100 प्रतिशत् एम.ए. अंतिम -दर्शनशास्त्र में 92 प्रतिशत् विद्यार्थी उत्तीर्ण घोषित किये गये।