भिलाई। इस वर्ष 15 जुलाई को भारत के साथ पूरी दुनिया प्लास्टिक सर्जरी डे मनाएगी। प्लास्टिक सर्जरी के साथ ही प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाने की शुरुआत भी भारत में ही हुई थी जिसे अब दुनिया भर के प्लास्टिक सर्जरी संगठनों ने स्वीकार कर लिया है। इस दिन भारत के प्लास्टिक सर्जन मुफ्त सर्जरी करने के साथ ही जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं। प्लास्टिक सर्जरी डॉ विश्वामित्र दयाल ने बताया कि 15 जुलाई 2011 को एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जन्स ऑफ इंडिया ने पहली बार राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाया था। एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ एस राजा सबापथी ने इसकी शुरुआत की थी। वर्तमान अध्यक्ष डॉ राकेश खजांची एवं सचिव डॉ विजय कुमार ने विश्व परिषद की बैठक में इस दिवस की उपलब्धियों को रेखांकित किया। इस बैठक में सभी देशों के प्लास्टिक सर्जरी संगठनों के अध्यक्ष भाग लेते हैं। बैठक में इसे इसी वर्ष से वैश्विक स्तर पर मनाने का संकल्प लिया गया।
हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल से संबद्ध मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ राजदीप सिंह ने बताया कि आम तौर पर प्लास्टिक सर्जरी की चर्चा सेलेब्रिटीज को लेकर ही होती हैं। इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि यह पैसे वालों का चोंचला है। पर हकीकत इससे परे है। प्लास्टिक सर्जरी का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है। यह सर्जरी शरीर के किसी खास हिस्से से जुड़ा न होकर पूरे शरीर तक फैला है। छोटे बच्चों में जन्मजात विकृतियों जैसे – कटे फटे होंठ या तालू को ठीक करने, अपूर्ण अंगों को पूरा करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा हादसों के कारण होने वाले अंग भंग को दुरुस्त करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी का उपयोग किया जाता है। इसमें कुचले या कट चुके अंगों को दोबारा क्रियाशील करना शामिल है। आग या एसिड से गंभीर रूप से झुलसे मरीजों को नया चेहरा देना भी इसी विधा के कारण संभव हो पाता है।
उन्होंने बताया कि माइक्रोसर्जरी की ईजाद ने प्लास्टिक सर्जरी को नए आयाम दिये हैं। इससे बारीक नसों को जोड़ा जाना भी संभव हुआ है। दुर्घटना में कट गए अंगों को दोबारा जोड़ने में इसकी महति भूमिका होती है। इसके अलावा कैंसर के इलाज के लिए की गई सर्जरी के बाद भी प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत पड़ती है। मुंह के कैंसर में कभी कभी जबड़े की हड्डी तक निकाल दी जाती है। तब प्लास्टिक सर्जन पैरों की हड्डी से इसका पुनर्निर्माण करते हैं। इसी तरह स्तन कैंसर के मामले में जब एक स्तन को पूरी तरह हटा दिया जाता है तो पेट की मांसपेशियों से एक नया स्तन बनाने का काम भी प्लास्टिक सर्जन ही करता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि प्लास्टिक सर्जरी लोगों के जीवन को आसान बनाने की कोशिश करती है।