दुर्ग। शासकीय वीवायटी पीजी ऑटोनॉमस कालेज के अंग्रेजी भाषा विभाग द्वारा अंग्रेजी विषय में शोध विधि पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सीएचएम कालेज उल्हासनगर, वीजी वझे कालेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स मुम्बई के साथ संयुक्त रूप से आयोजित यह कार्यशाला तीन महाविद्यालयों के समन्वय से आयोजित इस तरह की पहली कार्यशाला थी।कार्यशाला का उद्देश्य अंग्रेजी साहित्य में शोध की दिशा में शोधार्थियों का मार्गदर्शन करना था। कार्यशाला के पहले दिन शासकीय वीवायटी पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ आरएन सिंह, वीजी वझे कालेज के प्राचार्य डॉ बीबी शर्मा एवं सीएचएम कालेज की प्राचार्य डॉ मंजू लालवानी ने अपना उद्बोधन दिया। अंग्रेजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सोमाली गुप्ता ने विषय प्रवेश कराया। प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए आरके तलरेजा कालेज उल्हासनगर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुशीला पिल्लई ने समाजभाषा विज्ञान के सिद्धांतों एवं उपकरणों की जानकारी दी। द्वितीय सत्र को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस मुम्बई की डॉ अनुषा रामनाथन ने शोध के मिश्रित विधियों की जानकारी दी।
द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र को साउथ इंडियन एडुकेशनल सोसायटी कालेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स मुम्बई की प्रोफेसर डॉ लक्ष्मी मुथुकुमार ने शोध के मिथकों पर प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में एआर बिड़ला महिला वरिष्ठ महाविद्यालय शोलापुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ एनी ज़ॉन ने साहित्य को शोध का अथाह सागर निरूपित किया।
आयोजन समिति में वीवायटी कालेज के प्रोफेसर डॉ कमर तलत, सीएचएम कालेज की सहा. प्राध्यापक सना कराले, वीजी वझे कालेज की तन्वी जोशी शामिल थीं। कार्यक्रम में वीवायटी कालेज की डॉ सुचित्रा गुप्ता, सीएचएम कालेज के डॉ कैलाश अयुते, शोधार्थी पारुल पाण्डे, वृशालु कनेरी का सराहनीय योगदान रहा।
कार्यक्रम संयोजक वीजी वझे कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ दिनेश कुमार नायर ने समापन व्याख्यान दिया। प्रतिभागियों को दो असाइनमेंट सबमिट करने के बाद ही प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।