भिलाई। स्तनपान यदि सही ढंग से कराया जाए तो यह न केवल शिशु बल्कि मां के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। स्तनपान कराते समय शिशु को इस तरह पकड़ना चाहिए कि उसकी ठोढ़ी स्तन में धंसी हो, मुंह पूरा खुला हो और निपल का निचला हिस्सा पूरी तरह बच्चे के मुंह में समा जाए। यह जानकारी ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया (बीपीएनआई) के ट्रेनर डॉ ओमेश खुराना ने सीसीएम मेडिकल कालेज में स्तनपान सप्ताह के अवसर पर आयोजित कार्यशाला में दी।जूनियर डाक्टर्स तथा नर्सेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीपीएनआई ने सभी प्रसूति अस्पतालों को ब्रेस्टफीडिंग अस्पतालों के रूप में संबद्धता प्रदान करने का कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इसके तहत चिकित्सकों एवं परिचारिकाओं को स्तनपान के विषय में विशद जानकारी दी जा रही है। सही ढंग से स्तनपान कराने पर माता में प्रोलैक्टीन तथा ऑक्सिटोसिन हारमोन का रिसाव होता है। यह प्रसव पश्चात रक्तस्राव को रोकने के साथ ही ब्रेस्ट कैंसर तथा ओवेरियन कैंसर की भी रोकथाम करता है। इससे स्तनपान के कारण उत्पन्न होने वाली स्तन संबंधी समस्याओं को भी रोका जा सकता है।
इस अवसर पर आयोजित नाटक, पोस्टर तथा रंगोली प्रतियोगिता के विजेताओं को डीन तथा मुख्य अतिथि डॉ शिव चन्द्राकर ने पुरस्कृत किया। इन प्रतियोगिताओं में बच्चों ने स्तनपान से जुड़ी अनेक जानकारियों को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया।