दुर्ग। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में भौतिकी विभाग साइंस कॉलेज दुर्ग के विद्यार्थियों को सफलता मिली है। यह भौतिकी बिभाग और महाविद्यालय के लिए हर्ष का विषय है कि यहां के 10 विद्यार्थियों का चयन सहायक प्राध्यापक के फाइनल इंटरव्यू में हुआ है। यह सभी कॉलेज के पूर्व विद्यार्थी हैं। इन विद्यार्थियों की सफलता में भौतिकी विभाग के प्राध्यापकों का बड़ा योगदान है।भौतिकी विभाग ने इन पूर्व विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी में जरूरी मदद की साथ ही साथ इंटरव्यू में तैयार करने के लिए मॉक इंटरव्यू भी करवाए। भौतिकी विभाग लगातार नेट, सेट और पीएससी की तैयारी करा रहा है, जिसमें इन विद्यार्थियों की हमेशा मौजूदगी रही। कॉलेज के प्रोफेसरों ने पीएससी से जारी सिलेबस के अलावा विषय में भी चयनित विद्यार्थियों को मजबूत बनाया। अपने पूर्व विद्यार्थियों को मिली इतनी बड़ी उपलब्धि पर साइंस कॉलेज प्रशासन भी गर्व महूसस कर रहा है। प्राचार्य डॉ. आर एन सिंह, नैक कोऑर्डिनेटर डॉ. जगजीत कौर सलूजा एवं विभागाध्यक्ष डॉ. पूर्णा बोस ने संयुक्त रूप से जानकारी दी कि इस परीक्षा में संजय परगनिहा, डॉ. रितु श्रीवास्तव, रामाधीन, मोहित, डॉ. दीपिका, धनेश बंजारे, लेखा प्रसाद, जीवन लाल, भारती तथा तुशिका, ने चयन सूची में क्रमषः छठा, 15वां, 27वां, 28वां, 33वां, 45वां, 63वां, 71वां, 74वां एवं 80 वा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने सफल हुए सहायक प्राध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि भौतिकी विभाग के प्राध्यापक विद्यार्थियों को परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। सभी चयनित हुए विद्यार्थियों ने अपनी सफलता का श्रेय सही दिषा में निरंतर मेहनत और माता-पिता एवं शिक्षकों द्वारा दिए गए आर्षीवाद को बताया। जिनसेे समय समय पर सही मार्गदर्शन मिलने के कारण उन्होंने सफलता प्राप्त की। संजय परगनिहा ने बताया कि सभी को जिंदगी में कोई न कोई अध्यापक प्रेरक के रूप में अवष्य मिलता है, जिनकी वजह से हम सभी अपनी मंजिल को प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि सफल विद्यार्थी वही है जिसमें जिज्ञासा की भावना हो और यह जिज्ञासा ही कामयाबी दिलाती है।
डॉ. रितु श्रीवास्तव केे अनुसार परिणाम की बगैर चिंता किए नियमित एवं योजनाबद्ध तरीके से अभ्यास करते रहना चाहिए। योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में किया गया प्रयास हमेशा सफल होता है।
रामाधीन के अनुसार अगर मन में ठोस इरादा हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं सफलता के लिए आप कितने घंटे पढ़ते हैं यह जरूरी नहीं। खुद के साथ कितनी देर मंथन करते हैं आवश्यक यह है। धनेष कुमार बंजारे जो इसी महाविद्यालय में अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्यरत है, वे ग्राम भालूचुवा जिला कबीरधाम के निवासी पिता श्री दल्लीचंद्र बंजारे एवं माता गंगा बाई बंजारे के सुपुत्र है। उनके अनुसार अपनी सफलता के पीछे उद्देष्य लक्ष्य प्राप्त के लिए किसी खास उद्देष्य का होना अतिआवष्यक है, जो लक्ष्य प्राप्ति की राह से भटकने नही देता।