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स्वरूपानंद महाविद्यालय में योग एवं खेल पर राष्ट्रीय वेबिनार

Aug 1, 2021
Yoga and Sports are important

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय में खेल विभाग द्वारा वर्तमान परिपेक्ष्य में योग एवं खेल के महत्व पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो अनिरूद्ध सिंह सिसोदिया निर्देशक यूजीसी एनआरडीसी एलएनआईपीई ग्वालियर व डॉ चंदन कुमार पासवान स.प्रा. शारीरिक शिक्षा पंचभुरा महाविद्यालय बानपुर विश्वविद्यालय पंश्चिम बंगाल थे।डॉ सिसोदिया ने कहा कि स्वस्थ शरीर का कोई विकल्प नहीं है। जिसका आहार-विहार, सोना-जागना सही है वही स्वस्थ है। योग से चित की वृतियों का परिष्कार होता है। योग कसरत नहीं है। उन्होंने स्वस्थ रहने के लिये भोजन, पानी पर ध्यान देने की बात कही व अष्ठांग के बिना योग को बिना पंख के पक्षी के समान बताया। उन्होंने कहा कि अगर हम यम-नियम का पालन नहीं कर रहे है तो योग में जा ही नहीं सकते। बहत्तर हजार नाड़ियों के शोधन के लिये अनुलोम विलोन आवश्यक है। तनाव में रहने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इसलिये चिंता नहीं चिंतन करना चाहिए। याद रखें, हम हमेशा परमेश्वर की निगरानी में है।
डॉ चंदन कुमार पासवान ने कहा कि खेल हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है। पहले हम घर के बाहर व भीतर खेलते थे इस लिए शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहते थे। आज 200 मिलियन से अधिक बच्चे ओवर वेट है। तनाव व अवसाद से ग्रस्त व हृदय रोग से पीड़ित है। हमें दैनिक क्रियाकलाप मे खेल को आत्मसात करना होगा। खेल से आत्मविश्वास व नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। कोविड-19 के कारण बैठ कर कार्य करने की प्रवृत्ति 28 प्रतिशत बढ़ी है। अपाच्य खाना बढ़ा है। इससे हमारे पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हम सोशल डेस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने नियमित व्यायाम रख सकते है चाहे तो छत में भी कसरत सकते हैं।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के कारण सब घर में हैं और डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। मोबाइल में लगे रहने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पढ़ रहा है। उन्होंने खेल एवं योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने बात कही।
प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि खेलने के लिये आवश्यक नहीं है कि हम किसी खेल में महारत हासिल करें। हम पारंपरिक खेलो से भी स्वस्थ्य रह सकते हैं। खेल से शरीर में स्फूर्ति आती है व मन एकाग्रचित होता है। खेल से व्यक्ति में समन्वय और नेतृत्व कौशल का विकास होता है। अब खेल में भी कैरियर व रोजगार की अपार संभावनायें है।
आरंभ में डॉ शमा ए बेग विभागाध्यक्ष माईक्रोबायोलाजी ने कहा खेल और योग एक सिक्के के दो पहलू है। खेल जहा शारीरिक विकास के लिये आवश्यक है वही योग मानसिक स्वास्थ्य व सर्वागींण विकास के लिये आवश्यक है। शरीर के स्वस्थ रहने से सामाजिकता व भावनात्मकता का विकास होता है।
वेबीनार के संयोजक मुरलीमनोहर तिवारी क्रीडा अधिकारी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में योग का महत्व प्राचीन समय से है। आज कोरोना पेंडेमिक में योग का महत्व पुनः परिलक्षित हो रहा है। दिन के आधा घंटे अगर हम योग और खेल को दे तो हम निश्चित ही शारीरिक एवं मानसिक रूप स्वस्थ रहेंगे।
कार्यक्रम में अंचल के विभिन्न महाविद्यालयो के विद्यार्थियों व शोधार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ शमा बेग ने किया।

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