भिलाई। इंजीनियर्स डे के अवसर पर कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज जुनवानी खम्हरिया में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जहां बड़े गरिमामय रुप से इंजीनियर्स डे मनाया गया। देश के प्रख्यात इंजीनियरों को याद किया गया और उनके किए गए अविष्कार और मानव समाज को इंजीनियर्स द्वारा दी गई सुविधाओं केलिए आभार व्यक्त किया गया।इस अवसर पर कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर विजय मैराल ने कहा कि मानवजाति के विकास के मूल में ही इंजीनियरिंग क्षमता निहित है। आदि-मानव ने पत्थरों से औजार बनाने तथा आग के उपयोग के साथ अपने जीवन को बेहतर बनाने का सिलसिला अपनी इंजीनियरिंग क्षमताओं के साथ प्रारंभ किया था जो आज तक अनवरत रूप से जारी है।
दरअसल अपने ज्ञान को नित नए प्रयोगों द्वारा जीवन को बेहतर बनाना, इंजीनियरिंग का मूल मंत्र है। यही कारण है कि इंजीनियरिंग के माध्यम से मानव समाज इतनी तरक्की कर पाया है। हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि हम न केवल स्वयं: इंजीनियर हैं बल्की हम इंजीनियर बनाते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपने कार्यों कि जिम्मेदारी महत्ता समझें और मानव समाज के विकास के लिए श्रेष्ठतम इंजीनियर तैयार करने का प्रण लें, यही इस आयोजन की सार्थकता होगी।
इस अवसर पर कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय तिवारी जी ने कहा कि भारत देश में पुराने समय से ही इंजीनियरिंग के कई नायाब उदाहरण है। जो आज भी देखने को मिलते हैं। आदि काल से ही हमारे देश की इंजीनियरिंग बहुत ही उच्च श्रेणी की रही है। उन्होंने जगन्नाथ मंदिर की विशेषताओं से सबको अवगत कराया।
कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेंक्टर डॉ. वायआर कटरे जी ने कहा कि सीखने की प्रवृत्ति इंजीनियरों में हमेशा होती है। प्रकृति से भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जैसे एक मकड़ी अपने रखने के लिए सुरक्षित जाल बुनती है। इस प्रकार हमें जीव जंतुओं से भी काफी कुछ सीखने को मिलता है। इन्हीं सब को देख कर हमारें इंजीनियरों ने भी सीखा और जीवन में लागू किया। इस अवसर पर सभी विभाग प्रमुखों ने अपने विचार रखें।