भिलाई। गर्भवती, प्रसूता एवं नवजात की सही देखभाल कर हम प्रतिवर्ष लाखों जानें बचा सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसी लिए इस वर्ष रोगी सुरक्षा दिवस का विषय गर्भवती एवं नवजात शिशु की देखभाल पर केन्द्रित किया है। उक्त बातें आज एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग में आयोजित रोगी सुरक्षा दिवस को संबोधित करते हुए उप प्राचार्य सिजी थॉमस ने कहीं।सिजी थॉमस ने कहा कि सही देखभाल से दुनिया भर में प्रतिदिन 810 महिलाओं 6700 नवजातों का जीवन बचाया जा सकता है। देखभाल संबंधी चूकों के कारण ही प्रतिवर्ष 20 लाख शिशुओं की मृत्यु मां के पेट में ही हो जाती है। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के दिशा मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल में रोगी की सुरक्षा पूरी तरह से नर्सों की जिम्मेदारी है।
रोगी सुरक्षा में नर्सों की जिम्मेदारी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भर्ती करते समय से लेकर रोगी के डिस्चार्ज हो जाने तक अनेक बिन्दुओं पर इसका ध्यान रखा जाना जरूरी है। इसमें डाक्टर के निर्देश अनुसार रोगी को सही डोज में सही समय पर दवा देना, स्वच्छता का ध्यान रखना, अस्पताल जनित संक्रमण से सुरक्षा करना आदि शामिल है। लगातार लेटे रहने वाले मरीजों को बेड सोर से बचाने के उपाय करना, शौच आदि के लिए जाते समय उसकी सुरक्षा करना, रोगी को लगाए गए उपकरणों, लाइनों, यूरिन बैग आदि पर नजर रखना, आदि शामिल है।
सिजी थॉमस ने बताया कि रोगी को छुट्टी होने से पहले ही उसे ली जाने वाली दवाओं के बारे में पूरी जानकारी देना भी नर्स का ही काम है। इसके अलावा डाक्टर के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना भी उसकी जिम्मेदारी है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि हम किसी को जीवन दे नहीं सकते, पर किसी का जीवन बचाकर हम अपने होने की उपयोगिता को सिद्ध कर सकते हैं।