दुर्ग। गर्भ को गर्भाशय में ठहरना चाहिए पर कभी कभी यह डिम्बवाहिनी (फैलोपियन ट्यूब) में ही ठहर जाती है। ऐसी ही एक महिला का इलाज एसआर हॉस्पिटल चिखली में किया गया। स्त्री व प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. अभिलाषा मिश्रा पाणीग्रही ने एवं उनकी टीम ने सर्जरी कर महिला को जोखिम से बाहर निकाल लिया। महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है। राजनांदगांव निवासी सुनिता तिवारी उम्र 40 वर्ष गंभीर स्थिति में एसआर हॉस्पिटल चिखली पहुंची थी। मरीज को पेट के निचले हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द था तथा निरंतर रक्त स्राव हो रहा था। मरीज में खून की कमी हो गई थी। उसे चक्कर आ रहे थे और उल्टियां हो रही थी। मरीज को 1 महीने से माहवारी नहीं आया था।
जांच में सामने आया कि महिला का गर्भ बच्चेदानी में न होकर फेलोपियन ट्यूब में फंसा हुआ था। इमरजेंसी ऑपरेशन की तैयारी की गई। रक्तस्राव रोकने के साथ ही 2 यूनिट रक्त चढ़ाया गया। इसके बाद सर्जरी कर दी गई।
डॉ. अभिलाषा मिश्रा पानीग्रही ने बताया कि इस प्रकार के केस बहुत कम देखने को मिलता है। अपनी प्रेक्टिस के दौरान उनके सामने यह दूसरा मामला आया है। इसकी सर्जरी काफी जटिल होती है। हमें खुशी है कि हम मरीज की जान बचाने में सफल रहे।
अस्पताल के सीईओ अजय तिवारी ने बताया कि अस्पताल में 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध है। ज्यादातर गंभीर मरीज आपातकालीन परिस्थिति में रात को आते हैं। निजी क्षेत्र में यह एकमात्र ऐसा निजी अस्पताल है जहां अलग से बर्न एवं ट्रामा यूनिट की सुविधा उपलब्ध है।