दुर्ग। पिछले कुछ वर्षों से महिला एवं पुरूषों में आत्महत्या का प्रतिशत लगभग बराबर हो गया है। शारीरिक शोषण, नाजायज गर्भावस्था, पारिवारिक समस्या, बीमारी, संपत्ति विवाद और करियर आत्महत्या के प्रमुख कारण है। युवाओं में अड़तालीस प्रतिशत आत्महत्या करियर के कारण ही होता है। उक्त बातें जिला अस्पताल में पदस्थ मनोवैज्ञानिक डॉ. आभा शशि कुमार ने कहीं। डॉ आभा शा.वि.या.ता.स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दुर्ग जिला अस्पताल के सहयोग से आयोजित विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस कार्यशाला को मुख्य वक्ता की हैसियत से संबोधित कर रही थीं।
डॉ. आभा ने कहा कि जो लोग आत्महत्या करने कि सोचते है उनमे कुछ लक्षण पहले से ही दिखाई देने लगते है। बातचीत करने का तौर-तरीका, मूड और व्यवहार में नकारात्मकता झलकती है। इस दिशा में जागरूकता बहुत जरुरी है। यदि कभी इस तरह का विचार किसी के मान में आये तो उसे कुछ पल के लिए विचारों में ठहराव देना चाहिये जैसे मानों वह रेड सिग्नल पर खड़ा हों। पल भर के ठहराव मात्र से व्यक्ति की व्याकुलता खत्म हों जाती है और वह आत्महत्या की कोशिश नहीं करता। आत्म वास्तविकरण भी बहुत जरुरी है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर. एन. सिंह ने कहा कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं होता। चुनौतियों का सामना कर जीवन में आगे बढ़ना ही बुद्धिमत्ता होती है। इसी तारतम्य में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक एवं गणित विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एम. ए. सिद्दीकी ने विषय की महत्ता पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्र- छात्राओं ने भाग लिया। कार्यशाला में आई.क्यू.ए.सी. की संयोजक डॉ. जगजीत कौर सलूजा एवं डॉ. नीरू अगवाल, सहायक प्राध्यापक, प्राणीषास्त्र विद्यार्थियों के उत्साह वर्धन हेतु विशेष रूप से उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष रचिता श्रीवास्तव द्वारा किया गया। उन्होंने विश्व आत्महत्या दिवस के थीम को उजागर करते हुए कहा कि जिंदगी एक बार मिलती है, जी भर के जिए। डॉ. निशा गोस्वामी ने कार्यशाला के निष्कर्षात्मक बिंदुओं को बखूबी रेखाकिंत किया। डॉ. प्रतिभा शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। अंत में जिला अस्तपताल के हर्ष प्रकाश जमौर्या ने कार्यशाला के समापन की घोषणा करते हुए आत्महत्या रोकथाम पर हस्ताक्षर अभियान में शामिल होने के लिए सबसे अपील की।