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हाइटेक के चिकित्सकों ने औषधि प्रतिरोध पर दिए टिप्स

Sep 25, 2021
Drug Resistance Awareness

भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने विश्व फार्मेसी दिवस की पूर्व संध्या पर औषधि प्रतिरोध (ड्रग रेजिस्टेंट) पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से कभी-कभी न केवल इलाज बेहद महंगा हो जाता है बल्कि कई बार ऐसी स्थिति से भी जूझना पड़ता है जहां मरीज की जान बचाना कठिन हो जाता है। यह एक बेहद खतरनाक स्थिति है जब कोई विकल्प नहीं रह जाता।अस्पताल के इंटेंसिविस्ट डॉ सोनल वाजपेयी ने बताया की दवाओं के गलत इस्तेमाल से तीन तरह की परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। एक तो टालरेंस है जिसमें लगातार डोज बढ़ाते जाना पड़ता है। ऐसा अकसर सेडेटिव्स के साथ होता है। दूसरा है टैकीफाइलेक्सिस जिसमें कोई कोई दवा धीरे धीरे रोगी पर बेअसर होने लगती है। तीसरा है एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस। आम तौर पर अपर्याप्त डोज, कोर्स पूरा नहीं करना, गलत दवाइयों का इस्तेमाल इसका कारण होते हैं।
उन्होंने कहा कि दवाइयों का अनावश्यक प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके लिए आम लोगों के साथ ही चिकित्सकों को भी सतर्कता के साथ काम करना होगा। साधारणतया एंटीबायोटिक का उपयोग तीन तरह से किया जाता है। पहला है प्रोफिलैक्टिक जिसमें संभावना के आधार पर दवा शुरू की जाती है। दूसरा है एम्पीरिकल जिसमें संक्रमण तो होता है पर बैक्टीरिया की पहचान नहीं होती। ऐसे मामलों में ब्रॉडस्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है। तीसरा है रैडिकल जिसमें ज्ञात बैक्टीरिया पर असर करने वाली दवा का उपयोग किया जाता है।
रोगी के स्तर पर लापरवाही भी ड्रग रेजिस्टेंस का कारण बन सकती है। आम तौर पर दिन में तीन या चार बार निश्चित अंतराल में ली जाने वाली दवाओं को लेकर लापरवाही हो जाती है। इसमें सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ओवर द काउंटर सेल्फ मेडिकेशन भी इसका एक कारण है। कुछ चिकित्सक मरीज को जल्द ठीक करने की ह़ड़बड़ी में गड़बड़ी कर बैठते हैं। जहां बेसलाइन एंटीबायोटिक से काम चल सकता है वहां हायर एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
डॉ प्रतीक एन कौशिक ने बताया कि अधिकांश मामले अस्पताल जनित संक्रमण के ही होते हैं। इससे बचने के लिए सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन जरूरी है। मरीज के मिनिमल इन्हीबिटरी कंसेन्ट्रेशन (एमआईसी) का आकलन एक अच्छा विकल्प है। महंगी दवाइयां हमेशा समस्या का हल नहीं होतीं। कोविड काल एवं उसके बाद अस्पताल में जटिलताओं के साथ दाखिल होने वाले मरीजों में स्टैंडर्ड एन्टीबायोटिक्स के अन्य विकल्पों को प्रभावी पाया गया।
उन्होंने कहा कि मामूली सर्जरी या इंटरवेंशन के केसेस में हायर एंटीबायोटिक्स का बेधड़क इस्तेमाल समस्या को बढ़ा सकता है। इसके अलावा अस्पताल के बाहर लिए गए एंटीबायोटिक्स भी इसका कारण हो सकते हैं। बिना डाक्टर की सलाह के ओवर द काउंटर ड्रग्स लेना भी इसका एक कारण है।

pic credit : https://www.antibioticresearch.org.uk

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