भिलाई। हाइटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल की उत्कृष्ट सेवाएं एनआरआई मरीजों को खूब भा रही हैं। पिछले कुछ महीनों में यहां शारजाह, नॉर्वे, बहरीन के मरीज अपना इलाज करवाकर जा चुके हैं। इनके अलावा बेंगलुरू, मुम्बई, पुणे, वर्धा एवं अन्य बड़े शहरों से भी मरीज यहां आकर इलाज करवा चुके हैं। इनमें से अधिकांश मरीज आईवीएफ के हैं।
स्त्री रोग, प्रसूति एवं आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ रेखा रत्नानी ने बताया कि हाइटेक हॉस्पिटल का फर्टिलिटी सेन्टर अपनी गुणवत्ता एवं रिजल्ट के लिए जाना जाता है। संतान सुख के लिए तरस रहे दर्जनों दंपतियों को यहां संतान की प्राप्ति हो चुकी है। इसका श्रेय हाइटेक की उत्कृष्ट अधोसंरचना के साथ ही यहां की डेडिकेटेड टीम एवं एनआईसीयू तथा शिशु विशेषज्ञों के सहयोग को जाता है। हाइटेक में नवजात शिशुओं के लिए प्रसूता के पास ही फोटो थेरेपी की सुविधा उपलब्ध है जो प्रसूता एवं परिजनों को खूब पसंद आ रहा है। अन्यान्य अस्पतालों में कम वजन या समय से पहले जन्मे शिशु को माता से अलग रखा जाता है।
डॉ रत्नानी ने बताया कि सितम्बर-अक्तूबर में नॉर्वे की दंपति ने यहां आईवीएफ करवाया। उन्हें पहली ही बार में सफलता मिल गई है। महिला अभी गर्भवती है। इसी तरह बहरीन की एक मरीज को 10 नवम्बर को यहां से छुट्टी दी गई। शारजाह की महिला ने भी यहीं अपने शिशु को जन्म दिया।
मुम्बई के एक पारसी दंपति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 4-4 बार आईवीएफ फेल होने के बाद वह यहां पहुंचे थे। शादी को 15 साल गुजर चुके थे। हमने आईवीएफ किया जो सफल रहा। मरीज को सघन निगरानी में रखा गया। 21वें हफ्ते में ही गर्भाशय का मुंह खुल गया और रक्तस्राव होने लगा था। टांके लगाकर गर्भाशय के मुंह को दोबारा बंद किया गया और गर्भवती तथा गर्भस्थ शिशु पर पल-पल नजर रखी गई। अंततः समय पूरा होने पर महिला ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। विवाह के 15 साल बाद गोद में बच्चा पाकर दंपति बेहद खुश थे।
डॉ रत्नानी ने बताया कि एक शिशु का जन्म परिवार के लिए खुशी का सबसे बड़ा मौका होता है। इसे बेहतर बनाने के लिए हाइटेक प्रबंधन निरंतर प्रयास कर रहा है।