भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में वनस्पति शास्त्र विभाग द्वारा विश्व मृदा दिवस (5 सितंबर 2021) मनाया गया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए वर्षा यादव (विभागाध्यक्ष – वनस्पति शास्त्र) ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा बताया कि विश्व मृदा दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किसानों और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। वर्ष 2021 में इस दिवस का मुख्य विषय – मिट्टी का लवणीकरण रोकना और उसे उपजाऊ बनाना है। हमारे भोजन का 95 फीसद भाग मृदा से आता है। अतः मृदा के गुण महत्व, लक्षण, कारण तथा मृदा प्रदूषण के विभिन्न कारकों जैसे शहरीकरण, कीटनाशकों का उपयोग, वनों की कटाई, उद्योग द्वारा उत्सर्जित हानिकारक पदार्थ जो मृदा की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं ,इसका हमारे प्रकृति और समाज पर क्या असर होता है, इस पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई और मृदा प्रदूषण के निवारण के उपाय को भी विद्यार्थियों को बताया गया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए महाविद्यालय प्रांगण में वर्मी कंपोस्टिंग तकनीक का उपयोग करते हुए वनस्पति शास्त्र के विद्यार्थियों ने गोबर खाद, सूखी पत्तियों, शाखाओं तथा घर से निकली हुई हरे कचरे का उपयोग करते हुए वर्मी कंपोस्टिंग किया। इस तकनीक को सीखने के बाद विद्यार्थियों ने अपने घर में भी इसका लाभ लेने का प्रण लिया ताकि कचरे का निपटारा घर पर ही हो जाए और उससे बने खाद का उपयोग पौधों के लिए किया जा सके तथा मृदा प्रदूषण को कम किया जा सके।
इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने कहा वर्मी कंपोस्टिंग के माध्यम से विभिन्न हानिकारक रसायन का पौधों में उपयोग से बचा जा सकता है। विद्यार्थियों की इस पहल की सराहना करते हुए अति. निदेशक डॉ .जे. दुर्गा प्रसाद राव ने आगे भी इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया।