भिलाई। अपना पूरा जीवन स्कूली बच्चों को पढ़ाने के बाद मरणोपरांत अनीता चक्रवर्ती की पार्थिव काया एम्स रायपुर को समर्पित कर दी गई। 85 साल की उम्र में एकाकी जीवन व्यतीत कर रही अनीता चक्रवर्ती ने अपने जीवन के अंतिम डेढ़ साल उम्दा रोड स्थित संजीवनी हॉस्पिटल का एक कक्ष था। आम जनता उनका ख्याल अपने परिवार के सदस्य की तरह रखती रही।
अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई में लगाने वाली अनीता चक्रवर्ती ने 10 वर्ष पूर्व सामाजिक संस्था प्रनाम के माध्यम से देहदान की वसीयत जारी की थी। भिलाई-3 के जैन भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में देहदान की वसीयत करने पर उनका सम्मान किया गया था। भिलाई-3 में अलग-अलग जगहों पर निवास करने के बाद अनीता टीचर के जीवन के अंतिम डेढ़ साल में उनका स्थायी निवास उम्दा रोड स्थित संजीवनी हॉस्पिटल का एक कमरा था। जहां उनकी पूरी देखरेख उनके बच्चों की तरह अस्पताल के संचालक डॉ किशोर जैन और पूरा स्टाफ करता रहा।
उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में डॉ किशोर जैन, हिमांशु चक्रवर्ती,पवन केसवानी,जैन समाज से सुमित जैन,राजेश जैन,सिंधी समाज से राजेंद्र धींगानी,मनोहर धींगानी,समाजसेवी गंगाधर शर्मा, कुर्मी समाज के अध्यक्ष दुलारी वर्मा,पार्षद मनीष वर्मा,बंगाली समाज के अध्यक्ष सीमा दत्ता,पपीहा बैनर्जी के अलावा अंतिम समय तक उनकी सेवा करने वाले संजीवनी अस्पताल के स्टाफ ढाल सिंह साहू, पुनेश्वर विश्वकर्मा,कमल किशोर राठौर,सुनीता यादव, रूबीना बानो,टिकेश्वरी,नेहा,सावित्री शिवारे,रोहित कुमार कुर्रे आदि अनेक लोग उपस्थित थे।