दुर्ग। शासकीय डॉ. वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, में पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित चित्रकार सैयद हैदर रजा के 100वें जन्मोत्सव के अवसर पर चित्रकला विभाग में विभिन्न आयोजन किए गए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. मिलिन्द अमृतफले ने बताया कि रजा साहब का जन्म 22 फरवरी 1922 को मंडला जिले में हुवा था। आज उनका 100 वां जन्म दिवस है। रजा साहब ने पूरे विश्व में चित्रकला के माध्यम से देश का नाम रौशन किया है।
अपने संबोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि हमारा महाविद्यालय रजा फाउडेंशन, नई दिल्ली के सहयोग से विगत कई वर्षो से कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन व्यापक स्तर पर करता है जिसका लाभ यहा के विद्यार्थियों को सतत् रुप से मिलता है।
उन्होंने कहा कि श्री रजा के चित्र अभिव्यक्ति के चित्रण से लेकर परिदृश्य चित्रकला तक विकसित है। बिंदु (उर्जा का बिंदु या स्त्रोत) की शुरुवात के बाद उन्होनें त्रिभुज के इर्दगिर्द केन्द्रित विषय का चुनाव किया जो अंतरिक्ष तथा समय के बीच संबंध को व्यक्त करता है।
इस अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसके शामिल सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिए गए। चित्रकला विभाग के विभागाध्यक्ष सहायक प्राध्याक योगेन्द्र त्रिपाठी के मार्गदर्शन में छात्राओं ने रजा साहब के चित्रों की अपने शब्दों में सारगर्भित व्याख्या की तथा उन्हें याद किया।
कार्यक्रम में डॉ. के.एल. राठी, डॉ. वी.के. वासनिक, शबाना खान, विमल यादव एवं छात्राएं बडी संख्या में उपस्थित थी।