दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा में पीएचडी आरडीसी की बैठक में अनेक शोधार्थियों के सिनाॅप्सिस में संशोधन किये जाने की अनुशंसा विषय विशेषज्ञों ने की है। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि 28 मई 2022 को पीएचडी आरडीसी की बैठक 02 विषयों के लिए आयोजित की गई जिनमें माइक्रोबाॅयलाजी एवं बायोटेक्नोलाॅजी शामिल हैं।
आरडीसी की बैठक प्रातः 11ः00 बजे टैगोर हाॅल में आयोजित की गई। माइक्रोबाॅयलाॅजी के 06 एवं बायोटेक्नाॅलाजी में 05 शोध छात्रों के अलावा बाह्य विषय-विशेषज्ञ, डाॅ. रूपिन्दर दीवान, डाॅ. एस.के. जाधव, संकायाध्यक्ष, डाॅ. रंजना श्रीवास्तव तथा अध्ययन मंडल के चेयरमेन रेखा गुप्ता एवं डाॅ. प्रमोद महिस शामिल हुए।
बैठक में शोधार्थी द्वारा किये जाने वाले शोध प्रबंध का शीर्षक एवं शोधकार्य के संबंध में विचार विमर्श किया गया। इस दौरान विशेषज्ञों ने यूजीसी के नियमानुसार प्रत्येक शोधकार्य की समाज के हित में अनुप्रयोगिता पर बल देते हुए शोध प्रबंध का शीर्षक तथा शोधकार्य से संबंधित कार्य बिन्दुओं को संशोधित करने की अनुशंसा की। जिन शोधार्थियों की सिनाॅप्सिस में किसी प्रकार के परिवर्तन के अनुशंसा की गई है उन्हें संशोधित सिनाॅप्सिस जमा करने हेतु 15 दिन की समयावधि प्रदान की गई है। आज आयोजित आरडीसी बैठक के पूर्व विश्विद्यालय के कुलसचिव, भूपेन्द्र कुलदीप ने बैठक में उपस्थित समस्त सदस्यों का विश्वविद्यालय की ओर से स्वागत किया।
डाॅ. श्रीवास्तव के अनुसार 30 मई को प्रातः 11ः00 बजे से वनस्पति शास्त्र तथा प्राणीशास्त्र विषय की आरडीसी की बैठक विश्वविद्यालय परिसर के टैगोर हाॅल में आयोजित होंगी।