राजनांदगांव। रेलवे कर्मचारियों को अब इलाज के लिए रेलवे हाॅस्पिटल से रेफर कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे किसी भी निजी अस्पताल में इलाज करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपना व परिवार का उम्मीद कार्ड बनवाना पड़ेगा। अब तक रेल कर्मियों का इलाज दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे सेंट्रल हाॅस्पिटल बिलासपुर में होता था। इसके अलावा 7 निजी अस्पताल आपात चिकित्सा के लिए अनुबंधित थे। पहले सेंट्रल हाॅस्पिटल में भर्ती होना पड़ता था और वहां से रिफर कराना होता था।
रेफरल का अलग तमाशा था। रेलवे डाॅक्टर जहां रेफर करता वहीं इलाज कराना पड़ता। रेफर कराने के लिए एक-एक कागज बनवाने के लिए दौड़भाग करनी पड़ती थी। इन परेशानियों से निजात दिलाने रेलवे ने नया आदेश पिछले सप्ताह जारी कर दिया है।
इस आदेश के मुताबिक जिन रेल कर्मचारियों और सेवानिवृत्त रेलकर्मचारियों के उम्मीद कार्ड बने हुए हैं वे आपात चिकित्सा के लिए रेलवे से अनुबंधित अस्पतालों में सीधे जाकर इलाज करा सकते हैं। यह अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि वह 24 घंटे के अंदर इसकी सूचना रेलवे हास्पिटल व संबंधित विभाग को दे। इसके लिए मरीज के परिजनों का कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।
देशभर में कहीं भी करा सकेंगे इलाज
रेलवे कर्मचारी और सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी उम्मीद कार्ड के जरिए देश के किसी भी शहर में रेलवे से अनुबंधित निजी अस्पतालों में आपात चिकित्सा करा सकेंगे। आपातकालीन स्थिति में कर्मचारियों को अनुबंधित निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा पहले से है, लेकिन इसकी सूचना कर्मचारी के परिजनों को रेलवे अस्पताल को देनी होती थी। कई बार निजी अस्पताल वाले इलाज के लिए भी मना कर देते थे। उम्मीद कार्ड से उनकी यह दिक्कत खत्म कर दी गई है।