भिलाई। रचनात्मकता निराशा के विरुद्ध मनुष्य का सबसे बड़ा हथियार है। आज जब पूरे विश्व पर युद्ध का साया मंडरा रहा है तब सभी विभागों एवं वर्गों में बिखरे हुए रचनाकारों को एक मंच पर लाने का सराहनीय प्रयास मुक्तकंठ साहित्य समिति ने किया है। मुक्त कंठ साहित्य समिति भिलाई तथा वक्ता मंच रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न कला क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 रचना शिल्पियों का सम्मान किया गया।
स्मृति नगर के स्वामी विवेदानंद सभागार में आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में सांसद विजय बघेल उपस्थित थे। अध्यक्षता बीएसपी के महाप्रबंधक प्रभारी तामस दासगुप्ता ने की। वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराटे, मुक्तकंठ के अध्यक्ष गोविंद पाल एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र सिक्केवाल मंचासीन थे। जिन्हें सम्मानित किया गया उनमें नृत्य गुरू अनिल तांडी, लोकगायक नवलदास मानिकपुरी, तबला गुरू रामचंद्र सरपे, महिला तबला वादक पूनम सर्पे, कवि नीलम जायसवाल, बिपाशा बबली हालदार, आदि प्रमुख थे। सम्मानित होने वाली महिलाओं में बड़ी संख्या में स्वयंसिद्धा महिला समूह की सदस्याएं भी शामिल थीं। सांसद विजय बघेल ने इस अवसर पर एक गीत प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार डॉ सोनाली चक्रवर्ती ने किया।
समारोह स्थल पर ही मुक्त कंठ साहित्य समिति की सदस्यता के फार्म उपलब्ध कराए गए साथ ही संस्था द्वारा जारी बुलेटिन का भी विमोचन कर विक्रय के लिए उपलब्ध कराया गया। गोविन्द पाल के बाल मन कविता संग्रह का भी विमोचन अतिथियों ने किया।