भिलाई। प्रकाश निर्मलकर भी अब फौज में भर्ती होकर देश सेवा का अपना सपना साकार कर सकेगा। उसके पैरों की एक जन्मजात विकृति का हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में इलाज कर दिया गया है। हजारों बच्चे ऐसी ही किसी ने किसी विकृति का शिकार होकर फौज या अन्य सैनिक सेवाओं के लिए अनफिट हो जाते हैं और अपना सपना तोड़ देने के लिए बाध्य हो जाते हैं।
हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि बच्चे को हैलक्स वल्गस नामक समस्या थी। इसमें पैर का अंगूठा उंगलियों के साथ कतार में न होकर कुछ बाहर से निकलकर उठा हुआ होता है। यह एक जन्मजात विकृति है। जागरूकता का अभाव और स्थानीय तौर पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण ऐसे बच्चे हीनभावना का शिकार हो जाते हैं। यह विकृति फिजिकल फिटनेस के आड़े आती है और सेना, अर्द्धसैनिक बल एवं पुलिस भर्ती में दिक्कतें पैदा कर सकती है।
उन्होंने बताया कि 20 वर्षीय प्रकाश निर्मलकर बचपन से ही सेना में जाने की तैयारी कर रहा है। जब उसे अपनी विशेष स्थिति का पता चला तो उसने अस्पताल से सम्पर्क किया। 29 जुलाई को उसे अस्पताल में दाखिल किया गया। दूसरे दिन उसकी सर्जरी कर दी गई और तीन दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह सर्जरी आयुष्मान योजना के अंतर्गत की गई और मरीज का एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ। अब उसका पैर पूरी तरह से सामान्य है और वह सेना भर्ती रैली में शामिल हो सकता है।