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महिला समानता दिवस पर स्वारूपानंद कॉलेज में परिचर्चा का आयोजन

Aug 30, 2022
Mahila Samanta Diwas at SSSSMV

भिलाई। स्वरूपानंद महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ द्वारा महिला समानता दिवस के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजिका सप्रा शिक्षा श्रीमती उषा साहू ने उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा महिलाओं के आत्मसम्मान, समानता और अधिकारों को समर्पित महिला समानता दिवस के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, भौतिक, आध्यात्मिक, शारीरिक, मानसिक सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास उत्पन्न कर उन्हें सशक्त बनाना है।
बीएड की विद्यार्थी पूनम चैहान ने समानता के विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि लड़कियां घर व बाहर के सभी कार्य जिम्मेदारी से करती है पर फिर भी एक मानसिकता बनी हुई है कि महिला अमुक कार्य को पूर्ण जिम्मेदारी के साथ नहीं कर सकती अपना वजूद भूलाकर अपना कर्तव्य निभाती है फिर भी उसे समानता का अधिकार हर क्षेत्र में नहीं मिलता।
बीएड तृतीय सेमेस्टर की विद्यार्थी मेघा ने महिला समानता दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कई पश्चिमी देशों में महिलाओं को बहुत कम अधिकार दिए जाते थे और उन्हें पुरुषों के गुलाम की तरह बर्ताव किया जाता था। सबसे पहले अमेरिका में महिलाओं का अपने अधिकरो के प्रति लडाई 1853 में शुरू हुआ था जिसमें महिलाओं ने शादी के बाद अपने पिता की संपत्ति पर अधिकार की मांग की थी। इस प्रकार आंदोलनों के फलस्परुप 1920 में महिलाओं को अमेरिका में वोटिंग का अधिकार प्राप्त हुआ।
बीएड तृतीय सेमेस्टर की छात्रा मनू सिन्हा ने कहा एक समाज और देश के निर्माण और सही दिशा में विकास के लिए महिलाओं को आगे आना बहुत जरूरी है लेकिन आज भी कई देश में महिलाओं को बराबरी का अधिकार नहीं मिला है वह अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही हैं।
बीएड तृतीय सेमेस्टर की छात्रा योग्यता ने कहा महिलाये अपना वजूद भूलाकर हर किरदार निभाती है ‘‘वह देवी है जो घर को स्वर्ग बनाती है, हर किरदार निभाती है’’
बीए प्रथम वर्ष की छात्रा शीतल साहू ने कहा समानता का अधिकार घर से शुरू होकर आॅफिस तक में लड़ी जा रही है जहां महिलाओं को हमेशा पुरुषों और पुरुषवादी सोच का सामना करना पड़ता है जबकि महिलाये कई बड़ी जिम्मेदारियाँ निभा कर यह साबित किया कि वह अपने कार्य क्षेत्र में किसी से कम नहीं है।
बीए प्रथम वर्ष की छात्रा पिंकी प्रजापति ने कहा कि वह ग्रामीण परिवेश से आई है वहां परिस्थितियां ऐसी है कि लड़कियों की पढ़ाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं है फिर भी वह अपने ही परिवार से लड़कर अपने आगे की पढ़ाई को जारी रखा और अपने मन में निश्चय किया कि जिन लोगों ने उन्हें पढ़ने से रोका है उनको वह कुछ बनकर दिखाएगी जिससे उनकी छोटी बहनों को आगे पढ़ने का मौका मिल सके।
विद्यार्थियों ने यह भी विचार व्यक्त किया कि महिला पुरुष दोनों एक समान कार्य करते हैं पर उनका वेतन मान सम्मान नहीं ह,ै घर में लड़कियों को नौकरी करने से रोका जाता ह,ै घर परिवार की महिलाएं अपने घर की बेटियों को आगे बढ़ने से रोकती ह,ै आगे की पढ़ाई करके क्या फायदा जब शादी के उपरांत आपको चूल्हा चैका ही करना है ऐसा सोच रखती है।
इस अवसर पर बीए प्रथम वर्ष, बीएड तृतीय सेमेस्टर की छात्राएं, शिक्षा एवं कला विभाग के प्राध्यापकगण उपस्थित रहे और अपने विचारों को व्यक्त किया।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी डाॅ दीपक शर्मा ने महिला समानता दिवस के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दी और कहा इस दिन महिला समानता के अधिकारों को लेकर चर्चा की जाती है जब तक हम महिलाओं को समानता का अधिकार नहीं देंगे तब तक महिलाएं सशक्त नहीं हो सकती। महाविद्यालय की प्राचार्य एवं निदेशक डाॅ हंसा शुक्ला ने कहा किसी भी समाज का हर क्षेत्र मे विकास तभी संभव है जब महिलाओं को समानता का अधिकार मिले जिस प्रकार महिलाएं परिवार की परवरिश करती है उसी तरह एक समाज व देश के निर्माण और सही दिशा में विकास के लिए महिलाओं का आगे आना बहुत जरूरी है।
महाविद्यालय की उपप्राचार्य डाॅ अजरा हुसैन ने कहा महिलाये ने कई बड़ी जिम्मेदारियों को निभाकर यह साबित कर दिया है कि वे अपने कार्य क्षेत्र में किसी से कम नहीं है और सही व बराबरी का मौका मिले तो वह हर तरह की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा सकती हैं बराबरी के इस अधिकार को लेकर अपने हक में लड़ाई आज भी जारी है।
डाॅ पूनम निकुम्भ ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी से पहले भारत वर्ष की दशा खराब थी आज हमारे सोच में परिवर्तन आया है। आज हमारे लिए लड़का लड़की एक समान है। कला विभाग के सप्रा गोल्डी राजपूत ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि जहां शिक्षा है वही समानता है, जहां शिक्षा नहीं है वहां असमानता देखी जाती है। इस अवसर पर बीए एव ंबीएड की छात्राएं एवं महाविद्यालय के प्राध्यापक उपस्थित थे। डाॅ अभिलाषा शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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