भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के खेल विभाग द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस पर शंकराथॉन का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा किखेल हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और स्वस्थ और फिट भारत के लिए जीवन जीने का एक तरीका बन गए हैं। एक युवा एथलीट के श्रृंगार में खेल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खेल अनुशासन, जिम्मेदारी, आत्मविश्वास, त्याग और जवाबदेही जैसे मूल्य सिखाता है। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की यह 116वीं जयंती है। उनका जीवन युवा शिक्षार्थियों को भी प्रेरणा देता है। खेल खेलना, चाहे टीम-आधारित हो या व्यक्तिगत, सभी आयु वर्ग के लिए आवश्यक है क्योंकि वे न केवल शारीरिक गतिविधि प्रदान करते हैं, बल्कि व्यक्ति के आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास, सामाजिक कौशल का निर्माण करने और उन्हें जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। खेलकूद के बिना शिक्षा अधूरी है। एक छात्र का समग्र विकास तभी संभव है जब वह शारीरिक रूप से स्वस्थ और भावनात्मक रूप से संतुलित हो।
डॉ. अर्चना झा, उप-प्राचार्य ने सभी छात्रों से शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का आग्रह किया और उन्हें अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए दैनिक व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित किया। छात्र भारत के भावी नागरिक हैं; इसलिए, यह शिक्षकों और माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें प्रेरित करें और यह सुनिश्चित करें कि वे भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से फिट और मजबूत बनें। जीवन में खेलों के महत्व को पहचानते हुए राष्ट्रीय खेल दिवस के महत्व को चिह्नित करने के लिए कॉलेज के छात्रों और कर्मचारियों ने खेल दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया।
इस वर्ष कॉलेज के लगभग 100 छात्रों और कर्मचारियों ने कॉलेज परिसर से एसएसटीसी परिसर गेट तक दो किलोमीटर के शंकराथॉन में भाग लिया और आदर्श वाक्य के साथ खेल की किंवदंती को श्रद्धांजलि दी, चलना: मानव शरीर की स्वतंत्रता का सबसेअच्छा रूप, उद्देश्य इस आयोजन का उद्देश्य फिटनेस को प्रोत्साहित करना और सभी नागरिकों को मोटापे, आलस्य, तनाव, चिंता, बीमारियों आदि से मुक्ति दिलाने में मदद करना है, साथ ही सामाजिक दूरी के मानदंडों को भी ध्यान में रखते हुए। इस आयोजन (शंकराथन) के पीछे की अवधारणा है “इसे कहीं भी, कभी भी चलाया जा सकता है!”
इस अवसर पर कॉलेज के छात्र और कर्मचारियों ने हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद को विनम्र श्रद्धांजलि देने के लिए दीनदयाल उपाध्याय सरोवर स्मृतिनगर में पीपल का पौधा लगाया। इस अवसर पर उपस्थितथे डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव, प्रभारी प्राचार्य, डॉ. अर्चना झा, उप-प्राचार्य, एनएसएस, एनसीसी के छात्र और कॉलेज के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने भाग लिया।