भिलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में शराब बंदी होगी पर इसका फैसला जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा. आंध्रप्रदेश और हरियाणा ने हड़बड़ी की तो उन्हें कुछ ही समय बाद अपना फैसला वापस लेना पड़ा. गुजरात में शराब बंदी है पर वहां सभी ब्रांड मिल जाते हैं. बिहार में शराब बंदी के बाद लोग जहरीले पदार्थों का सेवन कर मर रहे हैं. शराब एक सामाजिक बुराई है. छत्तीसगढ़ के गांव इसमें स्वतः आगे आ रहे हैं. समय आने पर शराब बंदी भी हो जाएगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महाराजा अग्रसेन जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने शराब बंदी पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से पूछा कि जब 15 साल तक उनकी सरकार थी तो उन्होंने शराब बंदी क्यों नहीं की. डॉ. रमन सिंह ने अपने विधायक दल की बैठक में कहा था कि चाहे सरकार भले ही चली जाए, लेकिन शराब बंदी करके रहूंगा. भाजपा के घोषणापत्र में हर घर नौकरी देने की बात कही गई थी, क्यों नहीं दी? 2100 रुपए क्विंटल में धान खरीदी के वायदे का क्या हुआ?
भूपेश ने कहा कि भाजपा शासन में डॉ. रमन सिंह चिटफंड कंपनियों में ब्रांड एंबेसडर बन गए थे. उन्होंने लाखों लोगों का करोड़ों रुपए जमा कराया. रमन सिंह ने किस बिनाह पर वह पैसा जमा करवाया. फिर 15 साल सत्ता में रहे तो क्यों पैसा वापस नहीं कराया. कार्रवाई क्यों नहीं की. उसका हिसाब दें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की सरकार आई तो पहले व्यापारी वर्ग आशंकित था कि सरकार उनके लिये क्या करेगी. पर अब उन्हें समझ में आ गया है कि गांव और गरीब किसानों के हाथ में पैसा होगा तो वह पैसा बाजार में आएगा और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. व्यापारियों को समझ में आ गया कि सजग और जागरूक नीति से हर वर्ग का लाभ होता है। जब एक बड़ा तबका बढ़ता है तो अन्य तबकों का अपने आप विकास होता है. मुख्यमंत्री ने रियल एस्टेट से लेकर राइस मिलर्स तक सभी वर्ग के लोगों के लिए किए गए सरकार के कार्यों के बारे में बताया.