भिलाई। एमजे कालेज ‘फार्मेसी’ के व्याख्याता राहुल सिंह के शोध को पेटेंट मिल गया है. यह शोध एक ऐसी तकनीक को लेकर है जिसमें बायोमैट्रिक्स की मशीन का उपयोग त्वचा कैंसर की पहचानने करने के लिये किया जा सकता है. इस तकनीक में आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का उपयोग किया गया है जो नैनोस्केल सेंसर्स के जरिए त्वचा कैंसर की सटीक पहचान करने में सक्षम है. अब तक उपलब्ध तकनीक में किसी भी तरह के कैंसर की पुष्टि करने के लिए काफी वक्त लग जाता है.
राहुल ने यह शोध बरगढ़ के बरपाली फार्मेसी कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर संतोष कुमार, आशुतोष पधान, डॉ नबीन करना और अब्दुल सैय्यद खान, महाराष्ट्र के भारती विद्यापीठ कालेज के सहा. प्राध्यापक फिरोज अलाउद्दीन तंबोली, कानपुर के रामा यूनिवर्सिटी के सहा. प्राध्यापक अजित कुमार वर्मा, भारती विश्वविद्यालय दुर्ग की सहा. प्राध्यापक विनीता टिटकी, पश्चिम बंगाल के भारत टेक्नोलाजी के सहा. प्राध्यापक राजर्षि नाथ और शम्बो पण्डा, ऋत्विक बंदोपाध्याय तथा नीलकंठ शिंदे साइंस कालेज के सहा. प्राध्यापक डॉ शशिकांत रामराव सितरे के साथ पूरा किया है.
राहुल ने बताया कि उनके शोध का उद्देश्य एक ऐसे उपकरण और तकनीक का विकास करना था जो त्वचा की सबसे ऊपरी परत में होने वाले कैंसर की सटीक पहचान कर सके. इसके लिए बायोमेट्रिक सेंसर, आर्टिफिशल इंटेलीजेंस और कम्प्यूटर एल्गोरिथम का उपयोग किया जाएगा. अब तक उपलब्ध तकनीक काफी महंगी है जिसमें कई लोगों की भूमिका होती है. इसमें समय भी बहुत लगता है. हमारी तकनीक त्वचा कैंसर की न केवल तुरंत शिनाख्त कर देगी बल्कि उसकी स्थिति पर भी पर्याप्त रौशनी डाल सकेगी.
राहुल सिंह को उनकी इस सफलता पर एमजे समूह की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर, फार्मेसी विभाग के प्राचार्य डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी, एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिलसेलवन सहित समस्त स्टाफ एवं स्टूडेन्ट्स ने बधाई दी है.