भिलाई। एमजे कालेज की राष्ट्रीय सेवा इकाई ने विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आज महाविद्यालय के सीवी रमन हाल और गोद ग्राम खम्हरिया में नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया. नाटक के द्वारा लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि सर्दी, खांसी या बुखार यदि एक सप्ताह के भीतर काबू में नहीं आता है तो तत्काल अस्पताल जाकर जांच करवाना चाहिए. न तो स्वयं ओवर द काउंटर मेडिसिन लेना चाहिए और न ही नीमहकीम की सलाह लेनी चाहिए.
इससे पहले महाविद्यालय में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. एमजे कालेज फार्मेसी विभाग के प्राचार्य डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी ने कहा कि दबे पांव एड्स एक महामारी का रूप ले रहा है. हमें आम लोगों को इससे बचाने के लिए जनजागरूकता फैलानी होगी. फार्मेसी स्टूडेंट्स की भी इसमें बड़ी भूमिका हो सकती है. कोरोना काल में एड्स के फैलाव में कुछ कमी तो आई है पर आज भी हजारों लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं.
एमजे कालेज के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने इस अवसर पर कहा कि एड्स के फैलने के तीन ही प्रमुख कारण हैं. असुरक्षित यौन संबंध, एक ही सिरिंज का एकाधिक लोगों द्वारा प्रयोग और संक्रमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन. संगठित क्षेत्र में अस्पताल और ब्लड बैंक जहां तो अपना काम कर रहे हैं पर इंजेक्टेबल ड्रग्स लेने वालों की अच्छी खासी संख्या है. आज भी असुरक्षित यौन संबंधों को ही इसका सबसे बड़ा कारण माना जाता है. हमें इस दिशा में जागरूकता के प्रयास तेज करने होंगे.
एमजे कालेज की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी शकुन्तला जलकारे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए एड्स दिवस के इतिहास के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि एचआईवी पीड़ित किसी भी देश के मेडिकल बर्डन को बढ़ाते हैं. साथ ही यह पीड़ित के जीवन की गुणवत्ता को बहुत कम कर देता है. इसलिए लोगों को हालात से अवगत कराते हुए उन्हें जागरूक किया जाना चाहिए.
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने एड्स से बचाव, एड्स के लक्षण और तत्काल इलाज प्रारंभ करने की जरूरत पर बल देते हुए एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया.
कार्यक्रम का संचालन एमजे कालेज (फार्मेसी विभाग) के एनएसएस अधिकारी सहा. प्राध्यापक पंकज साहू ने कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन किया.