अण्डा, दुर्ग. शैलदेवी महाविद्यालय में 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया गया. इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के अध्यक्ष राजन कुमार दुबे व सहसंचालक डॉ. रजनी रॉय सहित अनेक प्राध्यापक गण सम्मिलित हुए. कार्यक्रम में सभी संकायों में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने भी भाग लिया और राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के संदर्भ में अपने अपने विचार प्रकट किए.
विद्यार्थियों ने बताया कि किस प्रकार हम पर्यटन के माध्यम से देश–विदेश और प्रदेश का भ्रमण कर वहां की प्राकृतिक स्थलों की अनुपम सौंदर्य के साथ उसकी संस्कृति को जानकर आनंद की अनुभूति कर सकते हैं. भारत सरकार द्वारा पर्यटन के महत्व और भारतीय अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करने और शिक्षित करने के लिए भारत में प्रति वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है. पर्यटन से न सिर्फ स्थानीय लोगों को सांस्कृतिक, भौगोलिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक स्थलों को जानने का मौका मिलता है, बल्कि यह हजारों लाखों परिवारों के जीवनयापन के लिए भी आजीविका के नए नए रास्ते खोलता है. पर्यटन देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. पुरातात्विक धरोहरों व प्राकृतिक विविधताओं से परिपूर्ण भारत का पर्यटन भी विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है. भारत विविधताओं का देश है. यहां पर्यटन स्थलों की विस्तृत श्रृंखला है. विश्वभर के पर्यटकों की दृष्टि भारत के पर्यटन स्थलों पर रहती है. देश की अर्थव्यवस्था के विकास के साथ प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होती है. इसके अलावा पर्यटन दिवस के माध्यम से देश विदेश तक भारत की ऐतिहासिकता, समाजिक बौद्धिकता, सांस्कृतिक, अध्यात्मिक, प्राकृतिक सुंदरता का प्रचार प्रसार होता है. कश्मीर से कन्याकुमारी और असम से सौराष्ट्र तक कई अद्भुत अकल्पनीय पर्यटन स्थल हैं जो विश्व में और कहीं नहीं है. अतः देश विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने हेतु पर्यटन दिवस एक सरल माध्यम है. जो जनमानस को उस स्थान की प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति व सभ्यता को जानने हेतु अपनी ओर आकर्षित व प्रेरित करती हैं.