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झाड़फूंक के चक्कर में फिर एक ग्रामीण ने गंवा दिया अपना पैर

Mar 25, 2023
Exorcism claim leg of a villager

कोरबा. तमाम स्वास्थ्य योजनाओं के बावजूद भोले-भाले ग्रामीण आज भी बैगा-बाबाओं से इलाज करा रहे हैं. इसके चलते न केवल लोग परेशान हो रहे हैं बल्कि कई बार मामूली बीमारियां जानलेवा रूप धारण कर रही हैं. करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत चाकामार निवासी फूल सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ. लापरवाही के चलते उसके पैरों का मामूली संक्रमण इतना बढ़ा कि मेडिकल कालेज अस्पताल के डाक्टरों को उसका एक पैर काटना पड़ा.
फूल सिंह का दाहिना पैर सूजने लगा था. हल्की पीड़ा भी थी. घर वालों को शक था कि किसी ने जादू टोना कर दिया है. वे बैगा के पास पहुंचे तो उसने भी इसे जादू टोना ही बताया और झाड़-फूंक से इलाज करने लगा. इलाज चलता रहा पर रोग ठीक होने के बजाय बढ़ता चला गया. जब पैर बुरी तरह सूज गया और दर्द भी असहनीय हो गया तो घर वाले उसे लेकर स्थानीय मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचे.
जांच के उपरांत डाॅक्टराें ने पाया कि मरीज के पैरों में संक्रमण है. उन्होंने कहा कि रोग अब काफी बढ़ चुका है. यदि तत्काल पैर नहीं काटा गया तो संक्रमण पूरे शरीर में फैल जाएगा और मरीज की जान को खतरा उत्पन्न हो जाएगा. सहायक अधीक्षक डाॅ. रविकांत जाटवर ने कहा कि अंधविश्वास ने मरीज का पैर छीन लिया. समय पर अस्पताल नहीं पहुंचता तो उसकी जान भी जा सकती थी. जबकि उसका इलाज चिकित्सा योजना के तहत मुफ्त में हो सकता था.

Display pic courtesy India TV Hindi

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