भिलाई। पेट दर्द की शिकायत लेकर एक 60 वर्षीय मरीज हाइटेक अस्पताल पहुंचा. उसे पिछले लगभग एक महीने से लगातार हल्का बुखार बना हुआ था जिसे उसने गंभीरता से नहीं लिया. जांच करने पर पता चला कि वह टाइफायड से पीड़ित था. इस बीमारी में अकसर छोटी आंत का वह सिरा जो बड़ी आंत से जुड़ता है, वहां छाले पड़ जाते हैं. मरीज के साथ भी यही हुआ. छोटी आंत की पूंछ के हिस्से में घाव हो गये और वह फट गया.
हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ नवील शर्मा ने बताया कि ऐसे मामलों में तत्काल सर्जरी की जरूरत होती है. पर रोगी की हालत बहुत खराब थी. वह पेट दर्द से दोहरा हो रहा था. उसे उलटियां हो रही थीं. रोगी की नब्ज डूब रही थी. आक्सीजन सैचुरेशन भी 80 के आसपास था. मरीज शॉक की स्थिति में था. मरीज को तत्काल आईसीयू में लेकर उसे स्टेबल किया गया. इसके बाद दूरबीन पद्धति से उसकी छोटी आंत की पूंछ (इलियस) Ileus की सर्जरी कर दी गई. दूसरे ही दिन मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. तीसरे दिन ही वह चलने फिरने लगा था. दर्द से उसे पूरी राहत मिल चुकी है.
डॉ नवील ने बताया कि यदि बुखार के साथ पेट में दर्द हो तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए. यदि यह स्थिति एक सप्ताह तक बनी रहे तो तत्काल चिकित्सक को दिखाना चाहिए. इससे रोग की स्थिति गंभीर होने से बच सकती है और मात्र दवाओं से ही इलाज हो सकता है. अंजोरा दुर्ग निवासी यह मरीज पेशे से मजदूर है. वह स्वयं ही दुकान से गोली लेकर खा रहा था और रोग बढ़ता चला गया.