Renal angioplasty saves patient from angioplasty at 85

रीनल एंजियोप्लास्टी से सुधरी 85 साल की महिला की हालत, दिल में भी था ब्लाकेज

भिलाई. दिल की समस्या को लेकर हाईटेक अस्पताल पहुंची एक 85 साल की महिला की हालत किडनी की एंजियोप्लास्टी से सुधर गई. महिला के दिल की 3 नसों में भी ब्लाकेज था. ऐसे मामलों में निर्णय करना कठिन होता है कि पहले दिल को संभालें या किडनी को. कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आकाश बख्शी का निर्णय सही रहा. दरअसल, किडनी की नस में ब्लाकेज के कारण ही महिला को दिल की समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा था.
इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आकाश बख्शी ने बताया कि महिला का पिछले कई वर्षों से उच्च रक्तचाप एवं दिल की समस्याओं का इलाज चल रहा था. अगस्त 2018 में उन्हें एक माइनर अटैक आ चुका था. उम्र को देखते हुए तब कंजर्वेटिट ट्रीटमेंट ही दिया गया था. इसके बाद दिसम्बर 2018 में फिर दिल का दौरा पड़ा था. इसबार उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखना पड़ा था. उस समय भी वे दिल्ली में थीं. वहां की ठंड और प्रदूषण का उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ा था.
पिछले साल मई से लेकर दिसम्बर के बीच उन्हें तीन बार हाइटेक हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा था. इस बार जब उन्हें अस्पताल लाया गया तो उनकी हालत पहले से काफी खराब थी. जांच के दौरान पता चला कि उनके दिल की तीन नसों में ब्लाकेज है. पर संदेह होने पर उन्होंने जांच का दायरा बढ़ाया. तब जाकर पता चला कि किडनी को रक्त पहुंचाने वाली मुख्य धमनी में भी ब्लाकेज है. किडनी में ब्लाकेज के कारण हृदय पर ज्यादा जोर पड़ रहा है.
मरीज के परिजनों को पूरी स्थिति बताने के बाद डॉ बख्शी ने एक कठिन निर्णय लिया. पहले महिला की किडनी की एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय किया गया. रीनल एंजियोप्लास्टी करने के बाद महिला की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ. इसके बाद हृदय की एंजियोप्लास्टी करने की नौबत नहीं आई. पिछले छह माह से महिला पूरी तरह स्वस्थ है. हालांकि उसे नियमित रूप से दिल की जांच कराते रहने की सलाह दी गई है.
डॉ बख्शी ने बताया कि इस महिला ने साबित कर दिया कि अधिक उम्र इलाज में बाधक नहीं है. इसके नतीजे अच्छे आते हैं और जीवन की गुणवत्ता बढ़ जाती है.

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