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एफएनएसी और छोटी बायप्सी थी निगेटिव, ट्यूमर निकालकर भेजा तो हुई कैंसर की पुष्टि

Sep 14, 2024
FNAC & Biopsy reports may mislead in cases of breast cancer

भिलाई। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही आधी जान निकल जाती है. एक ऐसी ही मरीज का हाइटेक में ऑपरेशन किया गया. 35 वर्षीया इस महिला के बाएं स्तन में एक गांठ थी. एफएनएसी जांच में कैंसर की पुष्टि नहीं हो पाई. इसके बाद छोटी बायप्सी की गई. पर उसके नतीजे भी निगेटिव ही आए. पर सर्जन की सलाह पर महिला ने गांठ को निकलवा दिया. सर्जन का अंदेशा सही निकला. एक्सिजन बायप्सी में कैंसर की पुष्टि हो गई.
हाइटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल की लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ नविल कुमार शर्मा ने बताया कि समय रहते गांठ को निकालने का फायदा यह हुआ कि महिला को अब न तो कीमो थेरेगी की जरूरत है और न ही रेडिएशन थेरेपी की. उन्होंने कहा कि महिला का निर्णय साहसिक था पर इस अतिरिक्त सावधानी ने उन्हें बड़ी परेशानियों से बचा लिया.
डॉ नविल ने कहा कि स्तन कैंसर के मामले में देखा गया कि कई बार गांठों की एफएनएसी जांच निगेटिव आती है. कई बार ट्रू-कट बायप्सी में भी कैंसर की पुष्टि नहीं हो पाती. पर इसका मतलब यह नहीं होता कि कैंसर की संभावना नहीं है. ये टेस्ट आम तौर पर तभी पाजीटिव आते हैं जब कैंसर बढ़ गया हो. इसके बाद कैंसर के शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलने (मेटास्टासिस) की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए 35 साल या उससे अधिक की उम्र में स्तन की किसी भी गांठ को संजीदगी से लेना चाहिए. समय रहते इसे निकाल देना, अनेक भावी मुसीबतों से बचा सकता है.

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