शंकराचार्य महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बनाई लघु फिल्में, उठाए मुद्दे
भिलाई. श्री शंकराचार्य महाविद्यालय लघु फिल्म प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. छात्रों ने सामाजिक मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को इसमें दर्शाया. “सामाजिक कारण” थीम पर आधारित इस प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों की प्रतिभा और सामाजिक समस्याओं पर उनकी गहरी समझ को उजागर किया.
प्रतियोगिता की प्रमुख फिल्म थी “द ट्रैप”, जिसे बीबीए अंतिम वर्ष के छात्रों की टीम ने आरूष शर्मा के नेतृत्व में प्रस्तुत किया. इस फिल्म में युवाओं में बढ़ती मोबाइल की लत और उसके खतरनाक परिणामों को प्रभावशाली ढंग से दिखाया गया.
बीसीए छात्र की फिल्म “द स्टॉकर्स आइज़” ने एक गंभीर मुद्दे पर प्रकाश डाला कि कैसे स्टॉकर युवतियों की जिंदगी को मुश्किल बना देते हैं. फिल्म ने न केवल इस समस्या को उजागर किया बल्कि इसके समाधान भी सुझाए.
बीएससी छात्रों की फिल्म ने बलात्कार पीड़ितों के संघर्षों को केंद्रित किया, जिसमें पीड़ितों की न्याय और समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया गया.
इसके अलावा, बीबीए प्रथम वर्ष की छात्रा सुकन्या शुक्ला और उनकी टीम ने लड़कियों के सशक्तिकरण पर आधारित फिल्म बनाई, जिसमें यह संदेश दिया गया कि लड़कियों को करियर बनाने का अवसर मिलना चाहिए और माता-पिता को उनका समर्थन करना चाहिए.
ये सभी फिल्में कॉलेज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर प्रदर्शित की गईं, जहाँ उन्हें छात्रों और जनता का भरपूर ध्यान मिला.
इस कार्यक्रम का समापन छात्रों को निम्नलिखित श्रेणियों में नकद पुरस्कार, उपहार और प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ हुआ:
• सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म: बीएससी विभाग के छात्रों द्वारा जीता गया.
• सर्वश्रेष्ठ निर्देशन: बीएससी विभाग के छात्रों द्वारा जीता गया.
• सर्वश्रेष्ठ पटकथा: बीसीए छात्रों द्वारा प्राप्त किया गया.
• दर्शकों की पसंद का पुरस्कार: बीसीए छात्रों द्वारा जीता गया.
• सर्वश्रेष्ठ छायांकन: बीबीए अंतिम वर्ष के छात्रों द्वारा जीता गया.
• सांत्वना पुरस्कार: बीबीए प्रथम सेमेस्टर के छात्रों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदान किया गया.
इन पुरस्कारों ने छात्रों की रचनात्मकता, तकनीकी कौशल और समाज को संदेश देने की क्षमता को मान्यता दी.
प्राचार्या डॉ. अर्चना झा ने छात्रों की सराहना करते हुए कहा, “ये फिल्में हमारे छात्रों की क्रिएटिविटी, बौद्धिकता और संवेदनशीलता को दर्शाती हैं. यह देखना गर्व की बात है कि हमारे छात्र अपने टैलेंट का उपयोग कर महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठा रहे हैं. उनका समर्पण और जुनून सराहनीय है.”
डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव, डीन अकादमिक्स, ने कहा, “यह लघु फिल्म प्रतियोगिता छात्रों को कक्षा से बाहर सोचने और वास्तविक दुनिया के मुद्दों में संलग्न होने का मंच प्रदान करती है. ऐसे आयोजन उनके विश्लेषणात्मक कौशल, टीमवर्क और क्रिएटिविटी को बढ़ाते हैं, जो उनके समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं.”
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. संदीप जशवंत ने कहा, “छात्रों की प्रतिभा अद्भुत है. ऐसी प्रतियोगिताएँ उन्हें अभिव्यक्ति का मौका देती हैं और गंभीर सामाजिक समस्याओं को संबोधित करने का अवसर प्रदान करती हैं. इन पहलों के माध्यम से हम युवाओं में जिम्मेदारी और सामाजिक चेतना को बढ़ावा दे सकते हैं.”