भिलाई। एमजे कालेज में आज देश का प्रकृति परीक्षण अभियान के तहत सेमीनार का आयोजन किया गया. यह भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा प्रवर्तित योजना है. इसके तहत युवाओं को प्रकृति परीक्षण की जानकारी प्रदान की जाती है. जिला आयुष अधिकारी डॉ दिनेश चन्द्रवंशी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं सहायक निदेशक एवं प्राचार्य डॉ अनिल चौबे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
डॉ चंद्रवंशी ने बताया कि आयुष मंत्रालय का देशव्यापी अभियान ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ 26 नवंबर यानी संविधान दिवस के मौके पर शुरू किया गया. अभियान की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के प्रकृति परीक्षण के साथ किया गया. एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में पांच करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 4,70,000 से अधिक समर्पित स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग दी है.
डॉ चंद्रवंशी के नेतृत्व में आई टीम ने व्यक्तिगत रूप से विद्यार्थियों की मदद योजना से जुड़ने के लिए की. डॉ चंद्रवंशी ने बताया कि अभियान का उद्देश्य देश में स्वास्थ्य सेवा जागरूकता में क्रांति लाना है. उन्होंने कहा कि किसी की व्यक्ति के स्वास्थ्य प्रकृति को समझना और उसके आधार पर जीवन शैली की सलाह का पालन करने से वे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रख सकते हैं. इससे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) सहित विभिन्न बीमारियों की रोकथाम में भी मदद मिल सकती है. देश का प्रकृति परीक्षण अभियान आयुर्वेद को हर घर के करीब लाता है, नागरिकों को उनकी अनूठी प्रकृति को समझने और व्यक्तिगत, निवारक स्वास्थ्य प्रथाओं को अपनाने के लिए सशक्त बनाता है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि अपने स्वास्थ्य की बेहतर समझ ने केवल स्वस्थ रहने में मदद करती है बल्कि यह परोक्षा को परोक्ष रूप से मजबूत करते हुए आबादी की उत्पादकता को भी बढ़ाती है.
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक रीना पटेल ने किया. धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक सलोनी बासु ने किया.