उद्योगों के ताबूत में सरकार ने ठोंकी कील

Atul Chand Sahuभिलाई। प्रदेश सरकार ने पहले ही बीमार चल रहे उद्योग जगत के ताबूत में एक और कील ठोंक दी है। औद्योगिक उपयोग की जमीन की कीमतों में 12 गुना का इजाफा कर सरकार ने इसके भू-भाटक को हजारों के बजाय लाखों रुपए तक पहुंचा दिया है। ज्ञात रहे कि पूरी दुनिया का इस्पात उद्योग इस समय बेहद खस्ताहाल है और यहां तो लोहा 27 रुपए किलो तक जा पहुंचा है। सरकार ने उद्योगों की जमीन का मूल्य 12 गुना बढ़ाने का फैसला किया है। भिलाई वायर ड्राइंग इंडस्ट्रीज एसोसियेशन के अध्यक्ष अतुलचंद साहू के नेतृत्व में औद्योगिक संगठनों ने शासन के इस अव्यवहारिक निर्णय का पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया है।  Read Moreअतुलचंद साहू ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लागू नवीन भूमि आबंटन नियम से मंदी से जूझ रहे उद्योगपतियों की नींद हराम हो गई है। 16 नवंबर से लागू इस नियम के चलते उद्योग लगाने हेतु निर्धारित जमीन का मूल्य साढ़े तीन लाख रूपये प्रति एकड़ से बढ़कर 40 लाख रूपये प्रति एकड़ हो गया है। यह लगभग 12 गुना मूल्यवृध्दि है। इतना ही नहीं लगे-लगाये पुराने उद्योगों के भू-भाटक की दर में भी उस जमीन की कीमत का 40 लाख रूपये प्रति एकड़ का आंकलन करते हुए 3 प्रतिशत तय किया गया है। इस स्थिति के चलते जिन्होने 1964 से आज तक काफी कम कीमत में जमीन खरीदकर उद्योग लगा रखा है, उनको भू-भाटक के रूप में  कुछ हजार की रकम के बजाए लाखों रूपये चुकाना पड़ेगा। जबकि पुराने उद्योगों के लिए जिस मूल्य की जमीन खरीदी गई है, वर्ष 2008  से उसका मात्र ढाई प्रतिशत ही भू-भाटक लिया जा रहा था। वहीं 2008  से पहले भू-भाटक की दर महज एक प्रतिशत थी।
श्री साहू ने बताया कि राज्य शासन द्वारा लिया गया यह निर्णय न केवल अव्यवहारिक है, बल्कि इससे बाहरी उद्योगों को यहां लाने की मंशा भी दिखाई दे रही है। इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। बैठक में छ.ग. चेम्बर ऑफ कॉमर्स, लघु उद्योग भारती, रोलिंग मिल एवं भिलाई वायर ड्राइंग एंसीलरी एसोसियेशन, कोल ब्रिकेट एसोसियेशन, छत्तीसगढ़ इंडस्ट्रीज एसोसियेशन, स्टील चेम्बर एसोसियेशन, वेस्ट एंड स्क्रैप एसोसियेशन ने एकता प्रदर्शित करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। बैठक में बंशी अग्रवाल, देवप्रकाश त्रिपाठी, धनपत अग्रवाल, गोवर्धन अग्रवाल, आर.के. मिश्रा, नीटू सूरी, घनश्याम मोरे, राजीव अग्रवाल, विधायक प्रतिनिधि विनोद शुक्ला, मुकेश सिंह, अजय मंत्री, मनोज जैन, नरसिंह कुकरेजा, कृष अग्रवाल, सुरेन्द्र सिंह केम्बो, आशुतोष तिवारी, जे.एल. ताम्रकार महेन्द्र बंसल, करमजीत सिंह बेदी, सहित बड़ी संख्या में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारी और उद्योगपति उपस्थित थे।

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